श्रीराम नगरी के अयोध्या के संतों महंतों ने हनुमान जी महाराज को स्वामीनारायण संप्रदाय के सहजानंद स्वामी के भक्त और दास के रूप में दिखाने पर विरोध प्रकट किया है। कहा कि अगर स्वामीनारायण संप्रदाय के लोग सनातन समाज के संतों महंतों से और अनुयायियों से माफी नहीं मांगते हैं तो अयोध्या के संत स्वामी नारायण संप्रदाय की जन्मस्थली गोंडा जिले के छपिया नामक स्थान पर पहुंचकर कड़ा विरोध करेंगे। संतों का विरोध प्रदर्शन श्री पंच तेरह भाई त्यागी खाक चौक, संकट मोचन हनुमान किला मंदिर के पीठाधीश्वर महंत परशुराम दास महाराज के नेतृत्व में हुआ।
महंत परशुराम दास ने कहा कि सहजानंद स्वामी संत हैं और हमारे सनातन धर्म में अनेकों संत हुए हैं जिसमें संत तुलसीदास, स्वामी वाल्मीकि, महाराज जगतगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज सहित सैकड़ो संत हैं जिन्होंने हनुमान जी को अपना आराध्य माना और श्रीराम जी के दास के रूप में उनकी पूजा करते हैं न कि हनुमान जी को अपना दास बनाया
ऐसे में सनातन धर्म और संस्कृति का स्वामी नारायण संप्रदाय के लोगों ने एक चित्र के माध्यम से अपमान किया है। जो निंदनीय है जिसको कभी क्षमा नहीं किया जा सकता और अगर वह माफी नहीं मांगते हैं और तत्काल इस चित्र को नहीं हटते हैं तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
स्वामीनारायण की जन्मस्थली छपिया पहुंचकर हम संत जन इसका विरोध करेंगे क्योंकि हम अपने प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी का अपमान नहीं बर्दाश्त करेंगे और अब कोई भी अगर सनातन संस्कृति पर वार करता है तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। इस अवसर पर महंत विजय रामदास, महंत धर्मदास, महंत मंगलदास श्रीराम कथा के मर्मज्ञ चंद्रांशु जी महाराज और संगीत के मर्मज्ञ मानस दास भोला बाबा व दरोगा दास सहित कई संत उपस्थित रहे।