इंडिया पर भाजपा का वार- नेता तय नहीं कर पाए, लेकिन सनातन धर्म को नीचा दिखाने की नीति बना ली

तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर बवाल मचा हुआ है। भाजपा इसको लेकर जबरदस्त तरीके से हमलावर है और इसे हिंदू धर्म का अपमान बता रही है। भाजपा उदयनिधि और इंडिया गठबंधन पर चौतरपा वार कर रही है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूरे मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि घमण्डिया गठबंधन के नेताओं में भारत की सभ्यता को, मूल आस्था को, सनातन धर्म को, हिंदू धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो गई है। तीन दिन पहले ये घटना हुई। ये घटना अनायास या अचानक नहीं हुई है। एक सेमिनार में उदयनिधि ने ऐसा बोला है। उससे पहले घमण्डिया गठबंधन की बैठक हुई, जिसमें वो संयोजक और नेता तय नहीं कर पाए, लेकिन ‘सनातन धर्म’ को नीचा दिखाने की नीति तय कर ली।

हमारा एजेंडा सुख-समृद्धि 

भाजपा नेता ने कहा कि कभी उदयनिधि, कभी कार्ति चिदंबरम, कभी प्रियंका खड़गे, कभी बिहार के शिक्षा मंत्री, कभी अखिलेश यादव के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और कभी केजरीवाल के नेता गौतम जी, ये सब एक योजना के तहत अलग-अलग समय पर इस काम में लग गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी कांग्रेस के प्रमुख नेता वेणुगोपाल जी ने तो सारी हदों को पार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सर्व धर्म सम भाव में विश्वास करती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी सम्मान करती है। हम पूछना चाहते हैं कि क्या सनातन धर्म को गाली देना, हिंदू धर्म को गाली देना कांग्रेस और घमण्डिया गठबंधन की नीति है? उन्होंने कहा कि हमारी नीति सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। हमारा एजेंडा सुख-समृद्धि है। जबकि घमण्डिया गठबंधन की नीति नफरत, शंका, घृणा और विद्वेष फैलाना है।

सब चप क्यों?

प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी स्पष्टता के साथ कहा है कि कोई भी नेता समाज में तनाव पैदा करने वाला कोई भी काम न करे। 2014 से पहले भगवा आतंकवाद का शब्द लाया गया। इन्होंने भगवा आतंकवाद इसलिए कहा था क्योंकि इनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी थी, इसलिए समाज में तनाव और विद्वेष फैलाने के लिए इन्होंने एक नैरेटिव सेट किया था। उन्होंने कहा कि चेन्नई से ये जो आवाज आई है, वो सच में घबराएं हुए हैं। जब काशी तमिल संगमम आयोजित किया गया, तब अनुभव हुआ कि तमिलनाडु के सर्व-समाज की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी से जुड़ी हुई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिनको तमिलनाडु के बारे में कुछ अता-पता नहीं है, वो राजनीतिक उद्देश्य से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं, जिसपर उनके नेता राहुल गांधी चुप हैं। केजरीवाल जी और नीतीश कुमार जी क्यों चुप हैं? तेजस्वी यादव क्यों चुप हैं? ममता बनर्जी और शरद पवार जी क्यों चुप हैं? 

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