बरेली में जुटेंगे दुनियाभर के उलेमा, उर्स के मंच से देश- दुनिया को देंगे अमन-चैन का पैगाम

बरेली के इस्लामिया मैदान में 10 सितंबर से शुरू होने वाले 105 वें तीन रोजा उर्स-ए-रजवी में दुनियाभर से आने वाले उलेमा व वक्ताओं को तकरीर करने के लिए विशेष टॉपिक दिए जा रहे हैं। दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हानी रजा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन हजरत मुफ्ती अहसन मियां ने मदरसा मंजरे इस्लाम के उलेमा, शिक्षकों व टीटीएस के जिम्मेदारों के साथ उर्स-ए-रजवी की तैयारियों व रूपरेखा को लेकर बैठक की।

मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस बार देश विदेश के सुन्नी, सूफी, खानकाही, बरेलवी मुसलमानों तक उर्स-ए-रजवी के मंच से खास पैगाम दिया जाएगा। उलेमा की तकरीरों के लिए विषय तय किए गए। मदरसा मंजरे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने बताया कि देश में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे नशाखोरी, जुआ, महिलाओं पर हो रहे जुल्म व ज्यादती, सूदी कारोबार,आपसी लड़ाई-झगड़े और हत्याएं, शिक्षा के क्षेत्र में मुसलमानों का पिछड़ापन, शादियों में फुजूलखर्ची, निकाह व तलाक आदि मुद्दों पर तकरीरें होंगी।

उन्होंने कहा कि देशवासियों के बीच जो लोग नफरत फैलाने का एजेंडा चला रहे हैं, उनके विरुद्ध अमन पसंद हिंदू-मुस्लिम देश प्रेमियों को जोड़ के लिए अभियान चलाने की अपील उर्स-ए-रजवी के स्टेज से उलेमा करेंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर देश-दुनिया के अमन-चैन और शांति को प्रभावित करने वाली गैर कानूनी सामग्री को अपलोड व फारवर्ड करने से बचने और सोशल मीडिया के उपयोग में सावधानी बरतने की नौजवानों से भी अपील की जाएगी। देश-विदेश में मसलके आला हज़रत को मजबूत करने, जन-जन तक आला हजरत की विचार धारा को पहुंचाने भी जोर दिया जाएगा। 

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