समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं किए जाने पर बरेली में पंडित सुशील पाठक अनशन पर बैठ गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों से आहत सुशील पाठक ने 31 अगस्त को थाना बारादरी में तहरीर दी थी। महंत ने चेतावनी दी थी कि अगर रविवार रात तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो वह अनशन शुरू करेंगे। इसी क्रम में उन्होंने मंदिर शिरडी साईं धाम परिसर में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया है।
साईं मंदिर के महंत पंडित सुशील पाठक ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य आए दिन हिंदू धर्म और ब्राह्मणों पर विवादित बयान देते हैं। सपा नेता ने हिंदू धर्म को धोखा बताकर और मंदिरों को तोड़ने जैसे बयान देकर हद पार कर दी है। इससे देश के एक बड़े वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। महंत ने आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई बार अपने भाषण के माध्यम से हिंदू समाज को आपस में बांटने व लड़ाने का प्रयास किया है, जिससे हिंदू धर्म को मानने वालों की आस्था को ठेस पहुंची है।
आमरण अनशन की चेतावनी दी
सुशील पाठक ने सवाल उठाया कि जब नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर देशभर में एफआईआर हो सकती हैं तो स्वामी प्रसाद मौर्य पर क्यों नहीं ? महंत ने आगे कहा कि सपा नेता के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए उन्होंने 31 अगस्त को थाना बारादरी में प्रार्थनापत्र दिया था, लेकिन अभी तक पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है। मजबूर होकर उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार शाम तो स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई तो वे आमरण अनशन शुरू करेंगे। महंत ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे व्यक्ति की जगह जेल या पागलखाना है। उन्होंने सपा नेता को मानसिक विक्षिप्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जैसे नुपुर शर्मा को पार्टी से बाहर निकाल दिया था, वैसे ही अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से तुरंत निकालें।