हरियाणवी लोक गायक कंवरपाल कलिंगा का सोमवार अल सुबह रोहतक पीजीआई में उपचार के दौरान निधन हो गया। डेंगू से पीड़ित कंवरपाल कलिंगा को परिजन बुखार से पीड़ित होने के बाद रोहतक पीजीआई लेकर पहुंचे थे, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। कंवर पाल कलिंगा पिछले दस सालों से उत्तरी भारत में लोक गायक के तौर पर मशहूर रहे हैं।
वे धार्मिक आयोजनों, रात्रि जागरण के अलावा रागनी गायन में नामी कलाकारों में शुमार रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार भिवानी जिले में पैतृक गांव कलिंगा में किया गया। जिसमें हरियाणा के लोक कलाकार वीरपाल खरकिया, सुनीता बेबी, सुमन गोस्वामी, अनिल बलंबा, अजमेर बलंबा सहित अनेक कलाकार शामिल हुए।
कंवरपाल के गुरु खजान ने बताया कि उनका शिष्य लोक गायकी में उत्तरी भारत का बढ़िया कलाकार रहा है। उनके अचानक इस तरह चले जाने से भिवानी सहित पूरे प्रदेश ने एक अच्छा कलाकार खो दिया है।
खजान सिंह ने बताया कि सिंगर कंवरपाल कलिंगा नाम ये सोशल साइट पर काफी गाने खूब सराहे गए हैं वहीं उनके फेसबुक अकाउंट सिंगर कंवरपाल कलिंगा पर भी उनके गानों की अच्छी चर्चा रहती है। उनका प्रसिद्ध गाना क्यूं ढोंग रचा री सै भी समर्थकों में काफी सराहा गया है।