पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) को जारी करने की मांग की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने छठी बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। वहीं पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस मसले पर जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात करने की बात कही है। दो दिन पहले पंजाब सरकार ने आल पार्टी मीटिंग में भी आरडीएफ की बकाया राशि का मुद्दा उठाते हुए पंजाब को विशेष पैकेज देने की मांग की।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदे जाने वाले गेहूं व धान पर छह फीसदी वैधानिक शुल्क – मंडी फीस (एमडीएफ) 3 फीसदी और ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) 3 फीसदी वसूलती है। यह पैसा मंडियों के विकास, ग्रामीण सड़कों के निर्माण व रखरखाव के अलावा किसानों को अलग-अलग तरह के सहायता प्रदान करने में इस्तेमाल की जाती है।
वर्ष 2021 खरीद सीजन की 1100 करोड़ रुपये की आरडीएफ राशि प्रत्येक बीते खरीद सीजन के साथ लगातार बढ़कर 4000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। बीते धान खरीद सीजन के दौरान केंद्र ने आरडीएफ को अनावश्यक करार दे दिया था। पंजाब सरकार के दबाव के बाद केंद्र ने बकाया चुकाने पर सहमति तो जताई है लेकिन तीन की बजाय दो फीसदी की दर से भुगतान करने की पेशकश की। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कहना है कि पंजाब सरकार गरीब व कमजोर वर्गों के बीच वितरण के लिए खरीदे गए खाद्यान्न के मामले में अपने वैधानिक शुल्क के रूप में एक फीसदी की छूट दे लेकिन पंजाब सरकार ने इससे इंकार कर दिया था।
बीते रबी सीजन में भी पंजाब सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा लेकिन केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। इस पर पंजाब सरकार ने केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला भी किया लेकिन फिलहाल उसे टाल दिया गया और विधानसभा के विशेष सत्र में इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित भी किया गया। करीब 4000 करोड़ रुपये की यह राशि नहीं मिलने से पंजाब सरकार को ग्रामीण विकास के अनेक कार्यों में दिक्कत आ रही है। इसके अलावा मंडियों के डिजीटलाइजेशन के काम में भी सरकार को पैसे की जरूरत है, जिसकी भरपाई उक्त राशि से हो सकती है।
कुल 6800 करोड़ रुपये की बकाया राशि का है इंतजार
पंजाब सरकार को केंद्र से विभिन्न योजनाओं और मदों के तहत 6800 करोड़ रुपये की बकाया राशि का इंतजार है। इसके लिए मुख्यमंत्री के अलावा विभिन्न विभागों के मंत्री बार-बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं लेकिन उन्हें हर बार आश्वासन मिला है। कई मामलों में केंद्र ने नई शर्तें लगाकर बकाया राशि रिलीज नहीं की। पंजाब सरकार इस संबंध में लगातार केंद्र से पत्रचार भी कर रही है। इनमें आरडीएफ के 4000 करोड़ रुपये, एनएचएफ के 600 करोड़ रुपये, स्पेशल कैपिटल असिस्टेंट के 1600 करोड़ रुपये, जीएसटी के करीब 600 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार की तरफ बकाया है।