केरल: मुख्यमंत्री विजयन बोले- नियंत्रण में निपाह का प्रकोप

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को कहा कि कोझिकोड जिले में सामने आया निपाह का प्रकोप अब नियंत्रण में है, लेकिन राज्य में इस संक्रामक रोग का खतरा अभी टला नहीं है। उन्होंने कहा कि निपाह प्रकोप की दूसरी लहर की संभावना से इनकार करना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि निपाह का खतरा पूरी तरह से खत्म हो गया है, लेकिन यह राहत की बात है कि यह बीमारी अधिक लोगों में नहीं फैली है। उन्होंने कहा, ‘आज यहां निपाह को लेकर समीक्षा बैठक हुई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि दूसरी लहर की संभावना बहुत दूर है, लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।’
 

उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली घातक वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोक सकती है।  वायरस का जल्दी पता लगाने से खतरनाक स्थिति टल गई। उन्होंने कहा कि संक्रमण का प्रसार नियंत्रण में है लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी इस बात का स्पष्ट जवाब न दे सका कि उत्तरी कोझिकोड से निपाह के मामले क्यों सामने आ रहे हैं।
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 36 चमगादड़ों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे, लेकिन कोई वायरस नहीं मिला, और आने वाले दिनों में और नमूने एकत्र किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस की मदद से पहले संक्रमित व्यक्ति का रूट मैप लिया गया और इन स्थलों से चमगादड़ों के नमूने एकत्र किए जाएंगे और परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे।

 उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि आईसीएमआर भी इस बात का स्पष्ट जवाब न दे पाया है कि कोझिकोड में बीमारी बार-बार क्यों फैल रही है। इस संबंध में राज्य ने एक शून्य निगरानी अध्ययन करने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है।’
 

उन्होंने कहा कि चमगादड़ों पर आईसीएमआर के अध्ययन की जानकारी राज्य को भी उपलब्ध होगी और यहां इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी की मदद से अनुसंधान किया जाएगा, जिसमें चमगादड़ों को पकड़े बिना नमूने एकत्र करना शामिल है। विजयन ने कहा कि कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी लैब और यहां के पास थोन्नाक्कल में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी लैब में परीक्षण जारी रहेंगे।

 उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान है कि प्रभावित लोगों की संपर्क सूची में शामिल लोगों की संख्या बढ़ने की संभावना है। बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए विजयन ने कहा कि वर्तमान में 994 लोगों को निगरानी में रखा गया है।

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