महिला आरक्षण विधेयक का ओवैसी ने किया विरोध, बोले- यह सिर्फ चुनाव हित के लिए है

एआईएमआईएम के हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को केंद्र द्वारा लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक का विरोध किया, जिस पर आज सांसद बहस कर रहे हैं। बिल के खिलाफ बोलते हुए एआईएमआईएम नेता ने कहा, ‘यह बिल भारत के मुसलमानों के खिलाफ है। यह मुस्लिम समुदाय को धोखा देता है।” उन्होंने कहा कि बिल में मुस्लिम महिलाओं के आरक्षण का जिक्र नहीं है। यह बिल सिर्फ चुनावी हित के लिए लाया गया है। यह बिल समाज को बांटने के लिए लाया गया है। 

ओवैसी ने मंगलवार को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ (महिला आरक्षण विधेयक) पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कहा था कि वह इस विधेयक के खिलाफ हैं क्योंकि इसमें मुस्लिम और ओबीसी समुदायों की महिलाओं के लिए कोटा शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि आप किसे प्रतिनिधित्व दे रहे हैं? जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाए। इस बिल में बड़ी खामी यह है कि इसमें मुस्लिम और ओबीसी समुदाय की महिलाओं के लिए कोई कोटा नहीं है, इसलिए हम इसके खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि आप एक विधेयक बना रहे हैं ताकि कम प्रतिनिधित्व वाले लोगों का प्रतिनिधित्व हो। अब तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिनमें 8,992 सांसद चुने गए हैं। इनमें से केवल 520 मुसलमान थे और इनमें मुट्ठी भर भी महिलाएँ नहीं थीं। 50% की कमी है। 

महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि हमने महिलाओं को गिनने लायक बना दिया है। और अब समय आ गया है कि आप आगे आएं, और अपने शब्दों को केवल कागजों या भाषण तक ही सीमित न रखें, बल्कि कार्रवाई के साथ बोलें और नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करें। समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए। लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा?

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