राजगढ़ में दलितों पर बढ़ते अत्याचार का विरोध, भीम सेना ने किया प्रदर्शन

अलवर के राजगढ़ उपखंड क्षेत्र में दलितों पर बढ़ते अत्याचार, शोषण और अन्याय के खिलाफ भीम सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष भागचंद्र मेघवाल के नेतृत्व में महिला-पुरुषों ने कस्बे के पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। सूचना पर राजगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची। जहां समझाइश के प्रयास किए, लेकिन विफल रहे। उपस्थित लोगों की ओर से पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

भीम सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष भागचंद्र मेघवाल ने बताया, गढ़ गांव में दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर मारपीट की गई। घटना के करीब चार महीने बीत जाने पर भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़ित परिवार राजगढ़ डीएसपी कार्यालय आता है तो रीडर के द्वारा पीड़ित परिवार को धमकाया जाता है। फाइल नहीं होने की बात कही जाती है। 

वहीं, दूसरा मामला टहला थाना क्षेत्र है। सात और आठ सितंबर को पीड़ित परिवार के साथ मारपीट की जाती है। पीड़ित परिवार को थाने में बैठाया जाता है, उसके बाद पीड़ित परिवार की एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। पुलिस की ओर से पीड़ित परिवार को राजीनामे के लिए धमकाने आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि हस्ताक्षेप के बाद 10 सितंबर को मामला दर्ज किया गया। मामला दर्ज होने के बावजूद आज तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि इस मारपीट मामले के आठ महिला-पुरुषों को गंभीर चोटें आई हैं। 

उन्होंने बताया कि डीएसपी ने दो आरोपी होने की बात कही। भीम सेना के प्रदेश महासचिव शेर सिंह ने बताया कि दलित समाज दबा-कुचला हुआ समाज है। उनके साथ आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीओ रीडर है या रीडर सीओ है। आज तक ही समझ नहीं आया है। उन्होंने आरोपियों के गिरफ्तार कर सजा दिलाने की मांग की है। वहीं, उन्होंने डीएसपी के रीडर को सस्पेंड करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि उनके समाज के साथ अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस-प्रशासन को छठी का दूध याद दिला देंगे। भीम सेना के संभाग उपाध्यक्ष एडवोकेट नवल सिंह ने बताया, धरने पर तब तक बैठेंगे, जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाएंगे। उन्होंने इस संबंध में चन्द्रशेखर आजाद को भी अवगत करवाने की बात कही है। मंगलवार शाम डीएसपी कार्यालय के बाहर धरने की सूचना पर लक्ष्मणगढ़ के डीएसपी कमल प्रसाद, राजगढ़ थाना प्रभारी रामजीलाल मीना पुलिस जाब्ता के साथ मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने धरना पर बैठे लोगों से वार्ता कर जानकारी लेकर समझाइश का प्रयास किया। अनेक दौर की वार्ता के बाद सहमति बनने पर देर शाम धरना समाप्त हुआ। धरना समाप्त होने के बाद डीएसपी कमल प्रसाद को ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा।

डीएसपी कमल प्रसाद ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के सामने एससी समाज के लोगों के द्वारा कुछ मांगों को लेकर मंगलवार को विरोध प्रकट किया गया, जिनमें एक मामला मिसिंग रिपोर्ट का था, जिसका शव दौसा जिले के बसवा में मिला था। इसका डीएनए टेस्ट नहीं करवाया गया, उस फाइल में जानकारी ली तो पता लगा कि उसका डीएनए टेस्ट करवा रखा है। लेकिन उसके परिवार जन से मिलान नहीं करवाया गया है। जल्द ही मिलान करवाकर एफएसएल से रिपोर्ट मंगवा लेंगे।

दूसरा मामला धारा तीन का टहला थाना क्षेत्र का है, जिसमें वो गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इस मामले में मंगलवार देर रात सीओ ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दो ही लोगों के नाम एफआईआर में हैं, बाकी अन्य लिखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि अन्य में कोई पर शक है तो बयान करवा सकते हैं और तफ्तीश अभी बंद नहीं हुई है। अनुसंधान में अगर कोई नाम आता है तो कार्रवाई की जाएगी।

तीसरा मामला राजगढ़ थाना क्षेत्र के गढ़ गांव में जून महीने में घोड़ी से उतारने की एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। वो मुकदमा भी हमारे पास पेंडिग है। मामले में बुधवार को अनुसंधान अधिकारी को जिला पुलिस अधीक्षक ने बुलाया है, जिस पर विचार-विमर्श करेंगे। जो निर्देश मिलेंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर परिवादी को आपत्ति है तो उच्चाधिकारियों से बात हो गई है। दोनों फाइलों में अनुसंधान अधिकारी बदल देंगे। जो भी न्यायोचित कार्रवाई होगी वो करेंगे। इस मौके पर प्रेमचंद्र, मनीष कुमार, विश्राम, रमेश, मातादीन, कौशल्या, सन्तरा और सुनीता सहित समाज के अन्य लोग मौजूद रहे।

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