मुजफ्फरनगर में आचार संहिता उल्लंघन कर नामांकन के दौरान ढोल बजवाने के मामले में दोषी ठहराए गए पूर्व विधायक उमेश मलिक ने कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल की। पूर्व विधायक को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो माह पहले दोषी ठहराते हुए एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
भाजपा ने 2017 के चुनाव में बुढ़ाना विधानसभा सीट से उमेश मलिक को प्रत्याशी घोषित किया था। 21 जनवरी 2017 को नामांकन दाखिल करने के लिए भाजपा प्रत्याशी थाना सिविल लाइन्स क्षेत्र में महावीर चौक से कलेक्ट्रेट के प्रकाश चौक गेट की तरफ पहुंचे। आरोप था कि इस दौरान नारेबाजी हुई। ढोल और लाउडस्पीकर बजाए गए। 100-150 समर्थक साथ थे।
पुलिस ने समर्थकों को गेट पर ही रोक दिया और भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया। पुलिस ने मजिस्ट्रेट को मामले की जानकारी दी। धारा 144 के उल्लंघन में परिवाद दाखिल किया गया। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायालय (एमपी/एमएलए कोर्ट) के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने की थी।
जुलाई 2023 में पूर्व विधायक पर दोष सिद्ध हुआ था। कोर्ट ने उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद पूर्व विधायक को जमानत मिल गई थी। पूर्व विधायक उमेश मलिक ने बताया कि उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपीलांट कोर्ट में अपील दाखिल की है।