29 सितम्बर: दुष्कर्म पीड़ित 12 वर्षीया लड़की के उज्जैन की सड़कों पर बदहाली की अवस्था में घूमने का हृदय विदारक दृश्य वायरल होने के बाद पुलिस ने 72 घंटों के भीतर मुख्य अपराधी ऑटो चालक भरत सोनी को पकड़ लिया और पता लगा लिया कि पीड़िता 600 किमी दूर सतना जिले की है। पुलिस ने उसके माता-पिता का भी पता लगा लिया है। इस बीच उज्जैन के आश्रम संचालक आचार्य राहुल शर्मा का वीडियो भी आया जिन्होंने लड़की को तुरन्त अपना शॉल ओढ़ाया, तत्काल पुलिस को सूचना दी। पीड़िता की सहायता (खून देने वाले) करने वाले दो पुलिस जनों के चेहरे भी सामने आये और महाकाल पुलिस थाना के इंचार्ज अजय कुमार वर्मा भी कैमरे के सामने आये। उन्होंने बताया कि मेरी कोई बेटी नहीं है, मैं इस बेटी के इलाज, शिक्षा और भरण पोषण का खर्चा खुद उठाऊंगा, कानूनी सहायता माता-पिता करेंगे। वर्मा जी ने यह भी बताया कि पहले भी वे एक अनाथ मुस्लिम लड़की के निकाह (शादी) का पूरा खर्च स्वयं उठा चुके हैं। उज्जैन के एस.एस.पी. ने बताया कि बहुत से लोग पीड़िता को आर्थिक सहायता भी दे रहे हैं।

इस प्रकार इस बर्बर घटना के बीच जहां समाज की उदासीनता का दुखद पहलु प्रकाश में आया, वहीं आचार्य राहुल शर्मा और एस.ओ. अजय कुमार वर्मा की सदाशयता या मनुष्यता भी सामने आई। पुलिस की तत्परता का भी अहसास हुआ।
टी.वी. चैनलों पर यह देखा गया कि नेता कैसे नारी आस्मिता और उसकी आबरू लूटे जाने की हैवानियतपूर्ण घटना को बड़ी बेशर्मी व नीचता के साथ अपनी कुत्सित राजनीति का गुद्दा बना देते हैं। उज्जैन की बर्बर घटना और नारी उत्पीड़न की घृणित मानसिकता की निन्दा या रोकथाम करने की अपील करने के बजाय राहुल गांधी ने तुरंत अपने ट्विटर हैंडल पर गालियों से भरी पोस्ट डाली और नरेन्द्र मोदी को ही बलात्कारी बता दिया। उनकी बहन के विचार भी इसी प्रकार थे के थे।
फिर आये रणदीप सुरजेवाला। नरेन्द्र मोदी पर गालियों की बौछार करने के बाद सुरजेवाला ने आंकड़े पेश करने शुरू किये कि कैसे शिवराज सिंह अब तक 58000 बलात्कार करा चुके हैं और आज भी प्रतिदिन 8 बलात्कार कराते हैं। फिर बोले कि महाकाल की नगरी में बालिका का बलात्कार कराने वाले नरेन्द्र मोदी व शिवराज सिंह को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिये।
नारी के शीलहरण या उसकी अस्मत का मुद्दा संवेदनशीलता से जुड़ा है। तेरा बलात्कार, मेरा बलात्कार जैसी मानसिकता लेकर दुष्कर्म का दोषारोपण करने वाले या तो पागल हैं अथवा वे अपनी शर्महया को दफ़न कर चुके हैं। जिस समय राहुल, प्रियंका, सुरजेवाला उज्जैन दुष्कर्म पर
घिनौनी राजनीति कर रहे थे, ठीक उसी समय जयपुर से खबर आई कि एक महिला से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई और पहिचान छिपाने के लिए चेहरा झुलसा दिया गया था।
राहुल-प्रियंका-सुरजेवाला को पता नहीं कि क्या दुष्कर्म में राजस्थान टॉप पर है? अशोक गहलोत के कांग्रेसी राज में एक वर्ष में 5310 बलात्कार हुए। 3 अगस्त को भीलवाड़ा के कोटकी थाना क्षेत्र में सामूहिक बलात्कार के बाद लड़की को जलती भट्टी में डाला गया। 11 जुलाई को जोधपुर में 17 वर्षीया लड़की से बलात्कार हुआ। 29 जुलाई को अलवर के नारायणपुर की 11वीं कक्षा की छात्रा से बलात्कार हुआ।
बालोतरा जिले में 19 वर्षीय लड़की का गैंगरेप हुआ। रामगढ़ कस्बे की हिन्दू लड़की से अनीस, तौफीक व अंजुम ने दुष्कर्म करना चाहा। पीड़िता आत्महत्या के लिए कुवें में कूदी। पुलिस ने पीडिता पर समझौते का दबाव बनाया। पिता ने शर्मसार हो कर पेड़ पर लटक के फांसी लगा ली। मई में टोंक के बाछेड़ा ग्राम में नासिर, सलमान, जाकिर ने हिन्दू लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने लड़की के परिजनों से गालीगलौच की और समझौते का दबाब बनाया। 11 मई को अलवर के आलमपुर ग्राम की कक्षा 9 की हिन्दू छात्रा का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार हुआ। यहां भी पुलिस ने समझौते का दबाव बनाया। अप्रैल 2019 में अलवर के थाना गाजी क्षेत्र में हुए गैंगरेप की घटना को पुलिस ने दबा दिया। चूरू (सरदारनगर) में दलित महिला से सामूहिक बलात्कार हुआ।
क्या राहुल गांधी और लड़की हूं, लड़ सकती हूँ का दावा करने वाली प्रियंका राजस्थान के किसी भी बलात्कारी से लड़ने पहुंचे ? जब भाई-बहन हाथरस का राजनीतिक पर्यटन कर रहे थे, तब नूंह के एक कॉलिज के दरवाजे के ठीक सामने हरियाणा के एक मुस्लिम कांग्रेसी नेता के पौत्र ने प्रेम प्रसंग में हिन्दू बालिका की सरेआम हत्या कर दी थी। हत्या का वीडियो खूब वायरल हुआ था। यह नारी की अस्मत व प्राणों की रक्षा से जुड़ा मामला था। राहुल, प्रियंका या सुरजेवाला पीड़ितों के आंसू पोछते आज तक नहीं पहुंचे। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के राज में एक वर्ष के भीतर 1075 बलात्कार हुए। राहुल और सुरजेवाला बतायें कि क्या सभी बलात्कार अशोक गहलोत व भूपेश बघेल ने कराये थे?
दशकों पहले इन्दिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्वकाल में कोलकाता के रवीन्द्र सरोवर के विशाल पंडाल में दुष्कर्म व नारी शीलहरण का बड़ा कांड हुआ था। तब वहाँ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था। असामाजिक तत्वों ने पंडाल की बिजली गुल कर दी। महिलाओं से बलात्कार व छेड़छाड़ तथा वस्त्र फाड़ने की 700 घटनायें एक साथ हुईं। पंडाल के भीतर हजारों की संख्या में साडियां,स्त्रियों के अंग वस्त्र, चप्पलें, टूटी चूड़ियां मिली थीं।
भारत के इतिहास में यह सबसे बड़ा सामूहिक दुष्कर्म का मामला था। (अलबत्ता इस्लामिक शासकों के दौर में इस प्रकार के शर्मनाक कांड जरूर हुए थे।) रविंद्र सरोवर कांड के समय सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं था। इस घटना के इलैक्ट्रानिक साक्ष्य तो उपलब्ध नहीं हैं किन्तु ‘नवभारत टाइम्स’ ने शर्मसार करने वाले रविंद्र सरोवर कांड का समाचार विस्तार से छापा था। तब इन्दिरा गांधी और सिद्धान्त शंकर रॉय की सरकारें हिल गई थीं। लेकिन कोई यह मूर्खतापूर्ण लांछन नहीं लगा सकता कि रविंद्र सरोवर का शीलहरण कांड इंदिरा गांधी या सिद्धान्त शंकर ने कराया था।
नारी शीलहरण पर तेरा-मेरा करने वाले राहुल गांधी आखिर कहां तक गिरेंगे? क्या वे छत्तीसगढ़ या राजस्थान जा कर डूबेंगे ?
गोविन्द वर्मा