मंगलवार को भारत की 5000 मीटर रेस धाविका पारुल चौधरी ने इतिहास रच दिया. उन्होंने एशियन गेम्स के इतिहास में 5000 मीटर स्पर्धा का पहला गोल्ड मेडल भारत को दिलाया. इससे पहले दिन पारुल ने 3000 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
इससे पहले भी आज एथलेटिक्स में मेडल आए. भारत की विथ्या रामराज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को यहां एशियाई खेलों की महिला 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने में सफल रही. पच्चीस साल की विथ्या ने 55.68 सेकेंड के समय के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. बहरीन की ओलुवाकेमी मुजिदात आदेकोया ने 54.45 सेकेंड के खेलों के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया. चीन की जेदी मो ने 55.01 सेकेंड का सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता. विथ्या ने सोमवार को 55.52 सेकेंड के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 1984 में बनाए पीटी ऊषा के 400 मीटर बाधा दौड़ के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करके अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. विथ्या भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम का भी हिस्सा थी जिसने सोमवार को श्रीलंका के ‘लेन के उल्लंघन’ के कारण डिस्क्वालीफाई होने के बाद रजत पदक जीता.