सिक्किम में तीस्ता नदी में बाढ़ आने से सेना के छह जवानों समेत 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा के समय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम का भी गठन किया गया है।
अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया है। यह टीम बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए जल्द ही सिक्किम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।
कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी है केंद्र सरकार
बयान के मुताबिक, केंद्र ने सिक्किम को एसडीआरएफ के केंद्रीय हिस्से की दोनों किस्तें यानी 44.8 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, केंद्र ने सिक्किम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सिक्किम के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी है। इतना ही नहीं, आईएमसीटी के आकलन के आधार पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सिक्किम के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त केंद्रीय सहायता स्वीकृत की जाएगी।
बादल फटने से बढ़ा जलस्तर
गौरतलब है कि चार अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इससे कई पुल, नेशनल हाईवे-10 के कुछ हिस्से और चुंगथांग बांध बह गए। बाढ़ से कई विकास परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। केंद्र राज्य की स्थिति पर निगरानी रखे हुए है।
चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी
बयान में कहा गया कि केंद्र सिक्किम की स्थिति पर चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रख रहा है। केंद्र स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के प्रयासों में मदद करने के लिए समय पर संसाधन मुहैया कराकर सिक्किम सरकार की पूरी सहायता कर रहा है। इसके लिए खोज और बचाव अभियानों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सैन्यकर्मियों के पर्याप्त दलों को तैनात किया गया है और भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर मुहैया कराए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, राज्य में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे और संचार नेटवर्क को समय पर दुरुस्त करने में बिजली, दूरसंचार और सड़क, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालयों के तकनीकी दल मदद कर रहे हैं।