एसवाईएल नहर को लेकर हरियाणा-पंजाब के बीच बढ़ा विवाद

सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा हरियाणा और पंजाब की राजनीति में फिर से सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के हाथ मजबूत हो गए हैं, जिससे पड़ोसी राज्यों के बीच संबंधों पर भारी तनाव आ गया है। हरियाणा में आप सरकार पर तीखा हमला करते हुए, खट्टर ने शुक्रवार को इसे “दो-मुंही सरकार” कहा। हरियाणा के सीएम ने कहा कि मान सरकार ‘दो-मुंही सरकार’ है क्योंकि वह एसवाईएल मुद्दे पर विरोधाभासी बयान देती है। पंजाब सरकार इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की बजाय घड़ियाली आंसू बहा रही है। 

खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अधिग्रहीत की गई जमीन पर कब्जा लेने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने की समयसीमा दी है। मैं केंद्र सरकार से एसवाईएल नहर का काम पूरा करने के लिए पंजाब में तुरंत सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह करता हूं। एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब बीजेपी नेताओं ने चंडीगढ़ में सीएम भगवंत मान के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि मैं भारत के लोगों से जागरूक रहने का अनुरोध करता हूं। वे (आप) धोखे से लोगों को गुमराह करने की कोशिश करेंगे, वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम पंजाब से पानी कहीं नहीं जाने देंगे। हम सीएम भगवंत मान के आवास का ‘घेराव’ करेंगे। 

सुनील जाखड़ ने कहा कि भाजपा पंजाब इकाई उन्हें अपने राजनीतिक लाभ के लिए पंजाब के उद्देश्यों में हेरफेर नहीं करने देगी। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा था कि किसी भी अन्य राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा। उन्होंने साथ ही बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने महाधिवक्ता (एजी) पद के लिए गुरमिंदर सिंह के नाम को मंजूरी दे दी है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बैठक में एसवाईएल मुद्दे पर भी चर्चा की गयी…किसी भी अन्य राज्य के साथ किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी साझा नहीं किया जाएगा…जल्द ही राज्य विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाए जाने पर भी चर्चा की गयी…कई जन हितैषी फैसलों को भी मंजूरी दी गयी।’’

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