मऊ जिले की अदालत ने पूर्व विधायक कपिलदेव यादव और उनके चालक हत्याकांड में जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय समेत 16 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो निशांत मान की अदालत ने 13 वर्ष पुराने इस मामले में फैसला सुनाया।
कोपागंज थाना क्षेत्र के देईथान इंदारा गांव निवासी राम नगीना यादव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। वादी के अनुसार चार जुलाई 2010 को दोपहर 12:45 बजे वह अपने भाई विधायक कपिलदेव यादव के साथ चचाईपार गांव से घर लौट रहे थे। मझवारा बाजार में तीन बाइकों पर सवार छह बदमाशों ने उनके वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। वाहन की पिछली सीट पर बैठे कपिलदेव यादव की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चालक देवनाथ यादव ने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया था।
इन लोगों पर दर्ज था मुकदमा
पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, अंकुर राय, राजू साहनी, मनीष राय, इंदू शेखर राय, रविशंकर सिंह, सूरज राय, अंजनी सिंह, सुबाष यादव, अजय सिंह, प्रभाशंकर राय, रिंकू राय, सर्वेश राय, सुरेंद्र कुमार उर्फ छब्बू राय, अविनाश राय उर्फ डिंपू और जितेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र और आयुध अधिनियम के तहत आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया।
21 गवाह हो गए पक्षद्रोही
अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी फौजदारी अनिल कुमार पांडेय ने 23 गवाहों को पेश किया। इनमें दो पुलिस कर्मियों के अलावा 21 गवाहों ने अभियोजन के कथन का समर्थन नहीं किया और वह पक्षद्रोही हो गए। बचाव पक्ष से पैरवी करते हुए अधिवक्ता फतेहबहादुर सिंह और दयाशंकर राय ने कहा कि उनके मुवक्किलों को झूठा फंसाया गया है। ।एडीजे ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने तथा साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय समेत सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया