प्रयागराज: लाल बंधुओं पर दर्ज केस में एससी-एसटी एक्ट भी लगा

शुआट्स कुलपति आरबीलाल व उनके भाई विनोद बी लाल समेत अन्य पर घूरपुर थाने में दर्ज मुकदमे में एससी-एसटी एक्ट की धारा बढ़ा दी गई है। पुलिस की ओर से जांच में तथ्य सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही विवेचना भी एसीपी कौंधियारा को स्थानांतरित कर दी गई है।

एक अक्तूबर को जेल भेजे गए शुआट्स निदेशक प्रशासन विनोद बी लाल का रिमांड भी इस मामले में पुलिस बनवा चुकी है। मूलरूप से मिर्जापुर निवासी महिला ने धर्मांतरण व पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में वीसी समेत चार पर नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। तीन अज्ञात आरोपी भी बनाए गए हैं।

महिला का आरोप है कि नौकरी का लालच देकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया। बाद में अन्य लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराने का दबाव डाला गया। इन्कार पर नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद विनोद बी लाल के स्कूल के सुपरवाइजर रिजवान ने अपने तीन अज्ञात साथियों संग आकर उसकी नाबालिग बेटियों से अश्लील हरकत की। साथ ही जान से मारने की धमकी दी।

सूत्रों का कहना है कि वादिनी का पति दलित था और ऐसे में उसकी बेटियां भी इसी वर्ग की हुईं। इस संबंध में पीड़िता की ओर से साक्ष्य दिए गए हैं। इसी आधार पर मामले में एससी एसटी एक्ट की धारा बढ़ा दी गई है। उधर धारा बढ़ने के साथ ही विवेचना एसीपी कौंधियारा संतलाल सरोज को स्थानांतरित कर दी गई है।कुलपति को स्टे, चार आरोपी पकड़ से दूर

मामले में विनोद बी लाल व रिजवान जेल भेजे जा चुके हैं। कुलपति आरबी लाल की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगी है। मामले का एक एक अन्य नामजद आरोपी पादरी जयकरन अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है। वहीं, पीड़िता के घर में घुसकर उसकी नाबालिग बेटियों से छेड़छाड़, अश्लील हरकत करने वाले तीन अज्ञात आराेपी भी चिह्नित नहीं किए जा सके हैं।

अल्पसंख्यक आयोग में बुलाया गया

सूत्राें का कहना है कि इस मामले में बुधवार को पीड़िता को उप्र अल्पसंख्यक आयोग में बुलाया गया है। दरअसल, आरोपी विनोद बी लाल की ओर से आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। उधर पुलिस की ओर से पीड़िता को नोटिस देकर इसकी सूचना दी गई है।

भाजपा नेता ने सीएम को भेजी शिकायत

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष/प्रदेश प्रभारी मो.असलम ने कुलपति आरबी लाल व विनोद बी लाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम को शिकायत भेजी है। इसमें धर्मांतरण के साथ ही फतेहपुर व घूरपुर में दर्ज मुकदमों का हवाला देकर अपनी जान को खतरा जताया गया है। आरोप यह भी है कि उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने का भी षडयंत्र रचा जा रहा है।

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