राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ गुरुवार को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। एनआईए के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिस मामले में ये आरोप पत्र दाखिल किया है वह गुजरात पुलिस द्वारा लगभग 39 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती से जुड़ा है।
आरोप पत्र में इन धाराओं को किया गया शामिल
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 201 (साक्ष्यों को गायब करना), 465 (जालसाजी) और 471 (धोखाधड़ी) के तहत एक विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया है। इसके अलावा, आरोप पत्र में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, और आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
एटीएस ने दर्ज किया था मामला
अधिकारियों के मुताबिक, अहमदाबाद आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सबसे पहले इस मामले में 15 सितंबर, 2022 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद, एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ले लिया। साथ ही 20 अगस्त, 2023 को मामले को फिर से दर्ज किया।
क्या है मामला?
बता दें कि बीते साल 14 सितंबर को, गुजरात एटीएस ने भारतीय तटरक्षक बल के साथ एक संयुक्त अभियान में कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास समुद्र के बीच में एक पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नाव को रोका था। जब नाव की जांच की गई तो उसमें से 200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 39 किलोग्राम हेरोइन मिली थी। साथ हीा ‘अल तय्यसा’ नाम की इस नाव पर सवार छह पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था।
बाद में जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि हेरोइन की खेप को दिल्ली के रहने वाले सरताज मलिक और जग्गी सिंह उर्फ वीरपाल सिंह की मदद से सड़क मार्ग से दिल्ली और पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों में ले जाया जाना था। बाद में उन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया था। जब इस मामले में गिरफ्तार आठों आरोपियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि ड्रग तस्कर मेराज रहमानी और एनी चीफ ओबिन्ना उर्फ चीफ, जो नाइजीरियाई हैं, जेल में बैठकर रैकेट चला रहे थे। रहमानी को कपूरथला और ओबिन्ना को अमृतसर की जेल में रखा गया था। एनआईए का आरोप है कि ये दोनों बिश्नोई के इशारे पर काम कर रहे थे।