सचिन पायलट ने दाखिल किया नामांकन, बोले- ना कोई मनभेद है, ना मतभेद है

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन को दौर जारी है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा से अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के भीतर किसी भी मतभेद से इनकार किया। पायलट ने कहा कि हमारा (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) ना कोई मनभेद है, ना मतभेद है, ना कोई गुट है। हम सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में चेहरे की घोषणा की परंपरा नहीं है। जीत के बाद विधायक और पार्टी नेतृत्व तय करते हैं कि कौन लीड करेगा। अभी हम सब पार्टी को जीताने की कोशिश में लगे हुए हैं।

पायलट ने कहा कि खड़गे जी ने मुझसे कहा कि भूल जाओ, माफ करो और आगे बढ़ो। मैं केवल जो कह रहा हूं उसके लिए जिम्मेदार हूं, दूसरे क्या कहते हैं इसके लिए नहीं। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार बनाये। पायलट ने साफ तौर पर कहा कि राज्य में पार्टी नेताओं का सामूहिक उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करना है और सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर आलाकमान विधायकों से बातचीत के बाद फैसला करेगा। 

सचिन पायलट ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को तलब किए जाने के समय, उद्देश्य और नीयत को संदिग्ध करार देते हुए कहा था कि जांच एजेंसी की पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जी के यहां ED की रेड की मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूँ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के पुत्र वैभव गहलोत को भी ED का सम्मन दिया गया है। भाजपा इस तरह के हथकंडों से कांग्रेस के नेताओं को डरा नहीं सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता से साथ खड़े हैं। इस प्रकार की कार्यवाही से भाजपा की घबराहट साफ़ दिखाई देती है, क्योंकि जनता आगामी चुनावों में राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना चुकी है।

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