टाइम मैगजीन के कवर पेज पर बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना, बोलीं- मुझे सत्ता से बाहर करना मुश्किल

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना टाइम मैगजीन के अगले अंक के कवर पेज पर दिखाई देंगी। टाइम मैग्जीन के साथ एक इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा कि उनकी सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता से बाहर करना बेहद मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाइम मैगजीन को दिए इंटरव्यू में शेख हसीना ने कहा कि ‘मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे लोग मेरे साथ हैं। वही मेरी ताकत हैं। लोकतांत्रिक तरीके से मुझे सत्ता से बाहर करना आसान नहीं है। मुझे हटाने का एकमात्र विकल्प मुझे सत्ता से बेदखल करना है और मैं अपने लोगों के लिए मरने के लिए तैयार हूं।’ 

सबसे लंबे समय तक पीएम रहने वाली महिला नेता
टाइम मैगजीन के नवंबर के अंक के कवर पेज पर शेख हसीना दिखाई देंगी। शेख हसीना साल 2009 से बांग्लादेश की पीएम हैं। उससे पहले वह 1996 से 2001 तक भी बांग्लादेश पीएम के पद पर रह चुकी हैं। शेख हसीना सबसे लंबे समय तक पीएम पद पर रहने वाली महिला हैं। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के उभार को रोकने और सेना को राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रखना शेख हसीना की उपलब्धि है। टाइम मैगजीन के लिए शेख हसीना का इंटरव्यू करने वाली चार्ली कैंपबेल ने लिखा कि वह मार्गरेट थैचर या इंदिरा गांधी से ज्यादा चुनाव जीत चुकी हैं और अब जनवरी में होने वाले आम चुनाव में भी वह दावेदारी पेश करने जा रही हैं। 

चुनाव के चलते बांग्लादेश में तनाव का माहौल
कवर स्टोरी के अनुसार, शेख हसीना पर 19 बार जानलेवा हमला हो चुका है और हाल ही में शेख हसीना की विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं, जिनमें सैंकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन हिंसक झड़पों में कई  लोग मारे गए हैं। बीएनपी की मांग है कि शेख हसीना कार्यवाहक सरकार को शासन देकर निष्पक्ष चुनाव कराए लेकिन शेख हसीना इसके लिए तैयार नहीं हैं। 17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश को एक जूट उत्पादक देश से एशिया प्रशांत क्षेत्र की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में भी शेख हसीना का अहम योगदान माना जाता है। 

कवर स्टोरी का शीर्षक ‘शेख हसीना एंड द फ्युचर ऑफ डेमोक्रेसी इन बांग्लादेश’ में आरोप लगाया गया है कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश में सरकार तानाशाही रुख अपना रही है। पिछले दो चुनावों की अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने भी आलोचना की है। आरोप है कि पिछले दो चुनाव में काफी अनियमितताएं और धांधली हुईं। हालांकि शेख हसीना इन आरोपों से इनकार करती हैं। बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम और शेख हसीना की विरोधी खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं। यही वजह है कि आगामी आम चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। 

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