नेपाल में फिर आया भूकंप, एक दिन में तीसरी बार हिली धरती

विनाशकारी भूकंप का सामने कर रहे नेपाल में रविवार सुबह एक बार फिर झटके महसूस किए गए। इस बार तीव्रता 3.6 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि रविवार सुबह 4:38 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू से 169 किमी उत्तर-पश्चिम में जमीन से 10 किमी की गहराई में था। गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात नेपाल में 6.4 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था। इसके बाद शनिवार दोपहर को भी 3.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। लगातार भूकंप के झटकों ने नेपाल के लोगों को दहशत में जीने को मजबूर कर दिया है।

159 झटके महसूस हुए 
नेपाल में शुक्रवार रात 11:47 बजे आए भीषण भूकंप से अब तक 157 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 375 लोग घायल हुए हैं। पश्चिमी जिले जाजरकोट और पश्चिम रुकुम में सबसे अधिक तबाही हुई है। बताया गया है कि शुक्रवार रात भूकंप के शुरुआती झटकों के बाद पश्चिमी नेपाल में 159 झटके महसूस किए गए।  

मलबे में दबे सैकड़ों…सेना ने संभाला मोर्चा 
पश्चिमी नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से हजारों घर तबाह हो गए हैं। सैकड़ों लोग लापता है, जिनकी तलाश के लिए सेना ने मोर्चा संभाला है। मलबे से लोगों को निकालने की जद्दोजहद जारी है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टराई ने बताया कि पश्चिमी जिले जाजरकोट और पश्चिम रुकुम में सबसे अधिक नुकसान हुआ। जाजरकोट में अकेले 105 लोगों की मौत वहीं रुकुम में 52 जानें गईं। 

नेपाल सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर कृष्ण प्रसाद भंडारी ने बताया कि सेना के जवान मलबे से लोगों को निकाल कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। जाजरकोट और पश्चिम रुकुम से 33 लोगों को सेना के हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर नेपालगंज पहुंचाया गया। वहीं, सात लोगों को नेपाल एयरलाइंस के विमान से काठमांडो ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सड़कें अवरुद्ध और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य बाधित हो रहा है।

2015 के बाद सबसे भीषण भूकंप
नेपाल में 2015 के बाद सबसे भीषण भूकंप शुक्रवार को महसूस किया गया। 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप में करीब 9,000 की मौत व 22 हजार से अधिक घायल हुए थे। अंतरराष्ट्रीय संस्था व रेडक्रॉस के मुताबिक उस वक्त खासतौर से  पश्चिमी व मध्य जिलों में 8 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए थे।

डर के कारण पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी
भूकंप के तेज झटकों के बाद बहुत सारे घबराए लोगों ने पूरी रात खुले आसमान के नीचे अपने घरों से बाहर गुजारी। इनमें से कई लोगों के घर भूकंप में क्षतिग्रस्त भी हो गए थे।

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