इस्राइल के राष्ट्रपति हर्जोग बोले- हमास दोबारा ऐसी हरकत नहीं कर पाएगा

इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने हमास के साथ जारी जंग पर खुलकर बात की। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि हम अस्पतालों को निशाना नहीं बना रहे हैं। हमास ने अस्पतालों के नीचे कमांड और कंट्रोल सेंटर बना रखे हैं। वे वहां से वे हमारे नागरिकों को गोली मार रहे हैं। उन पर अत्याचार कर रहे हैं। इसलिए हमें अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उनके पास मिसाइलें हैं।  उनके पास लिविंग रूम में मिसाइलें हैं। उनके पास पूरे नागरिक परिसर में आतंकी मशीनें हैं। ऐसे हालात में इस्राइल के पास कोई और विकल्प नहीं है।

राष्ट्रपति ने कहा, इस्राइल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों के अनुसार सभी को पहले से सचेत करता है। उन्होंने कहा, हम लाखों पत्र भेज रहे हैं। लाखों फोन कॉल कर रहे हैं। हम युद्ध क्षेत्र में लोगों से कह रहे हैं कि कृपया परिसर खाली करें ताकि हम अंदर जा सकें। उन्होंने कहा, “मैं सहमत हूं कि गाजा में कई नागरिक हैं, जो निर्दोष हैं और इसमें शामिल नहीं हैं। अब क्योंकि उस जगह पर कब्जा कर लिया गया है, इसलिए हमें इसे हटाना होगा।”

हमास के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बीच अस्पतालों पर बमबारी के आरोपों को लेकर राष्ट्रपति हर्जोग ने कहा, ‘अस्पतालों में हम जो कर रहे हैं, वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी मरीज, डॉक्टर या चालक दल चपेट में न आए। हम यह भी देख रहे हैं कि कोई ऑपरेशन भी न रुके। इसके विपरीत हम शिफा अस्पताल में बहुत सारे उपकरण और भोजन और ईंधन और अस्पताल को संचालित करने के लिए जो कुछ भी जरूरी है, मुहैया करा रहे हैं।’

इस्राइल का लक्ष्य बंधकों को छुड़ाना
उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अपने नागरिकों को वापस लाना है। हमारा लक्ष्य बंधकों को छुड़ाना है। हमारा एक बड़ा उद्देश्य है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हमास दोबारा ऐसा न कर पाए।’ युद्ध में ईरान की भूमिका पर इस्राइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने कहा, ‘हर किसी को पता होना चाहिए कि पूरे क्षेत्रीय हालात को कमज़ोर करने के लिए ईरान नापाक कोशिश कर रहा है।’ उन्होंने कहा, करीब डेढ़ या दो महीने पहले जी-20 में शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल से सऊदी अरब और खाड़ी और जॉर्डन के माध्यम से भारत तक ऊर्जा, संचार, व्यापार और विज्ञान के एक विशेष गलियारे की घोषणा की।

उन्होंने भारत के साथ रिश्तों पर कहा, एक अद्भुत दृष्टि भारत-अमेरिका और इस्राइल को जोड़ती है। हम सब मिलकर, यूरोप को दक्षिण पूर्व एशिया और यहां तक कि अमेरिका को ऑस्ट्रेलिया तक जोड़ देंगे। यह एक भव्य दृष्टिकोण है जो भारत को इस रास्ते पर एक बड़ी ताकत देता है। लेकिन किसी ने फैसला किया कि वे इस्राइल के साथ देशों के विशाल समूह को शामिल करने के इस प्रयास को पटरी से उतारना चाहते हैं।

ईरान की संलिप्तता पर क्या बोले इस्राइली राष्ट्रपति
इस्राइली राष्ट्रपति हर्जोग ने कहा, राष्ट्रपति बाइडन की शांति दृष्टि… ईरान का यह बुराई का साम्राज्य, क्षेत्र में इस्राइल के किसी भी समावेश और किसी भी शांति प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी, दुनिया के सभी देशों को इस बुराई को आगे बढ़ाने के लिए ईरान से लड़ना चाहिए।” ईरान की संलिप्तता के सबूतों पर राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने कहा, इस्राइल पर हमास के आतंकी हमले से कुछ हफ्ते पहले ही सभी आतंकी नेता बेरूत में एक साथ मिले थे। इनमें शेख नसरल्लाह, हमास में नंबर दो का दर्जा रखने वाले सालेह अल-अरौरी, इस्लामिक जिहाद करने वाले नखला शामिल थे। इनके साथ ईरान के सैन्य कमांडरों की भी मुलाकात हुई।

राष्ट्रपति हर्जोग के अनुसार, ईरानी कमांडर के साथ ईरान से प्रभारी, ईरान से रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर और हमास मिलकर पूरी दुनिया में इस आतंकी थिएटर का संचालन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ईरान के विदेश मंत्री ने विशेष रूप से इस्रायल,अमेरिका और सऊदी अरब के बीच एपोस्टिल समझौते के खिलाफ स्पष्ट रूप से धमकी दे रहे हैं। इस बारे में धमकियां दी जा रही हैं कि इसका क्षेत्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसलिए आप एक और पहलू जोड़ सकते हैं। तमाम चीजों के मद्देनजर निष्कर्ष स्पष्ट हैं। ईरान पूरी दुनिया में अरबों डॉलर की आतंकी मशीनों का समर्थन कर रहा है।”

भारत की भूमिका पर राष्ट्रपति का बयान
हमास के साथ हिंसक संघर्ष के बीच भारत की स्थिति पर, इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने कहा, “भारत दुनिया का एक बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्र है। युद्ध की शुरुआत के काफी पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया। इसके कुछ ही सप्ताह बाद जुलाई में वॉशिंगटन में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात थी।” उन्होंने कहा, इस्राइल का मानना है कि भारत शांति की वकालत करने वाला बहुत प्रभावशाली देश है। उन्होंने कहा, उनकी नजरों में पृथ्वी पर सबसे महान देशों में से एक भारत निश्चित रूप से इस्राइल के लिए तर्क और क्षेत्रीय शांति की आवाज उठा सकता है।

इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने कहा, युद्ध खत्म होने के बाद मुद्दा यह होगा कि हम गाजा का फिर से पुनर्निर्माण कैसे करते हैं। हम यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि गाजा एक सुरक्षित आश्रय और शांतिपूर्ण स्थान है। इसके बाद इस्राइल भूमध्य सागर के साथ व्यापार करने और इस्राइलियों और फलस्तीनियों के बीच सच्ची बातचीत करने के बारे में बात कर सकते हैं। भारत के पास इन सभी विचारों में योगदान करने के लिए बहुत कुछ है।

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