नफीस बिरयानी महज चंद सालों में शहर की एक शख्सियत बना गया था। बिरयानी खाने का शायद ही ऐसा कोई शौकीन हो जो उसके रेस्टोरेंट न गया हो। बिरयानी बेचकर उसने सिर्फ नाम ही नहीं कमाया अकूत संपत्ति भी इकट्ठा कर ली। अशरफ का पुराना साथी होने के कारण उसे अतीक गैंग का पूरा साथ मिला और कुछ ही सालों में वह कई करोड़ का मालिक बन गया। अतीक की पत्नी शाइस्ता, बेटों और अशरफ की पत्नी जैनब तक नफीस की सीधी पहुंच थी। पूछताछ में शाइस्ता और जैनब के बारे में भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।
कभी करेली में ठेले पर बिरयानी बेचने वाले नफीस की किस्मत तब पलटी जब उसे अशरफ का साथ मिला। अशरफ ने उसे सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा के पास छोटी सी गुमटी दिलाई। दुकान इतनी चलने लगी कि वह नफीस से नफीस बिरयानी हो गया। अशरफ भी वहीं बैठकी करने लगा। प्रतिदिन लाखों की बिक्री होने लगी। अपनी गुमटी से कुछ दूर पर उसने बड़ी दुकान किराये पर ले ली।
नवाब यूसुफ रोड पर बिरयानी बनाने का कारखाना लगा लिया। 2017 के बाद जब अतीक गैंग के बुरे दिन शुरू हुए तो नफीस बिरयानी भी इसकी चपेट में आया। उसकी गुमटी ढहा दी गई। किस्मत के धनी नफीस ने बीएचएस के सामने बड़ा सा रेस्टोरेंट खोला। वह भी चल निकला। कमाई और बढ़ गई। अतीक गैंग ने उसके बिरयानी के धंधे को अपने मकसद के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया।कभी ठेले पर बिरयानी बेचता था नफीस
अतीक काली कमाई को बिरयानी के धंधे से सफेद करने लगा। मोटी कमाई देखकर नफीस भी अतीक गैंग के साथ मिलकर प्रापर्टी का धंधा करने लगा। पैसा नफीस लगाता था। धमकाने के लिए अतीक गैंग था। धीरे-धीरे उसकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत हो गई कि वह अतीक गैंग का फाइनेंसर बन गया। उसने न सिर्फ प्रयागराज में बल्कि लखनऊ, नोएडा, दिल्ली समेत कई शहरों में प्रापर्टी बना ली।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब अतीक और अशरफ का परिवार फरार हुआ तो भी यह बात सामने आई कि नफीस ही उनकी आर्थिक मदद कर रहा है। उसने तमाम माध्यमों से शाइस्ता और जैनब को पैसे पहुंचाए। पुलिस का मानना है कि शाइस्ता और जैनब कहां छिपकर रह रही हैं, इसकी भी जानकारी नफीस को है। नफीस से पूछताछ में इसका खुलासा होने की उम्मीद है। यही नहीं अतीक के परिवार और गैंग के लोगों ने कहां-कहां किसके नाम से अरबों की संपत्ति बनाई है। इन सबके बारे में भी पुलिस को सटीक जानकारी मिलेगी।