पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से मोदी सरकार प्रमुख शहर मेरठ को नये रेल-पथ से जोड़ने को मुस्तैदी से तत्पर है। एक ओर मेरठ को रैपिड रेल व मैट्रो सेवाओं से जोड़ने का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, तो दूसरी ओर मेरठ पानीपत के बीच नयी रेल लाइन बिछाने के प्रयोजन से रेलवे मंत्रालय शीघ्र सर्वेक्षण शुरू करा रहा है। मेरठ से प्रयागराज के लिए नई ट्रेन शीघ्र शुरू होगी।
30 नवम्बर को मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने आये रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मेरठ-हस्तिनापुर-बिजनौर की प्रस्तावित लाइन के विषय में मीडिया को विस्तार से जानकारियां प्रदान कीं। रेल मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित 66 किलोमीटर की लाइन पर 3056 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और यह रेल लाइन मेरठ मुजफ्फरनगर, बिजनौर विधानसभाओं के 43 ग्रामों से होकर गुज़रेगी। नई रेल लाइन पर आठ नये स्टेशन बनाएं जायेंगे तथा दौराला व बिजनौर रेलवे स्टेशन जंक्शन में परिवर्तित होंगे। नये रेलवे स्टेशन होंगे-दौराला, लावड़, मवानाखुर्द, मवाना कलां, हस्तिनापुर, बहसूमा, रामराज, लालपुर, विदुरकुटी और बिजनौर।

जब केन्द्र सरकार ने मेरठ-हस्तिनापुर रेल लाइन बनाने का विचार व्यक्त किया था तब यह मांग उठी थी कि नई रेल लाइन को मुजफ्फरनगर के महाभारतकालीन तीर्थ स्थल शुकतीर्थ से भी जोड़ा जाये। चूंकि नया रेल पथ शुकतीर्थ के नजदीक विदुरकुटी के समीप से गुज़र रहा है और शुकताल महाभारत सर्किट के अन्तर्गत है इसलिए वहां नया रेल स्टेशन बनाया जाना हर दृष्टि से उचित है किन्तु परियोजना में शुकताल का नाम नदारत है। स्पष्ट है कि मुजफ्फरनगर जनपदवासियों की यह कामना पूर्ण होने नहीं जा रही है, जो कष्टदायक है।
नयी परियोजनाओं को बनाने और कार्यान्वित करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति व सतत प्रयासों की जरूरत होती है। मुजफ्फरनगर से सांसद व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने दिनरात एक कर जिले में अनेक केन्द्रीय व राज्यस्तरीय परियोजनाओं को पूर्ण कराया किन्तु शुकतीर्थ में नई रेल लाइन का उत्तरदायित्व बिजनौर के सांसद का बनता था। उन्होंने डॉ. बालियान जैसी सक्रियता दिखाई होती तो विदुरकुटी के साथ शुकताल का नाम जुड़ता। चूंकि डॉ. संजीव बालियान केन्द्र में मंत्री हैं, इस नाते भी वे शुकताल को नई रेल लाइन से जोड़ने का प्रयास कर सकते हैं और उन्हें यह कोशिश करनी ही चाहिए। हमारी कामना है कि उनकी कोशिश सफल हो।
गोविन्द वर्मा