बॉलीवुड एक्टर ने फिल्मी अंदाज में बरसाईं थीं गोलियां, मर्डर का वीडियो हुआ वायरल

बिजनौर जनपद के कुआं खेड़ी में किसान की हत्या करने वाले टीवी कलाकार का एक 10 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में बॉलीवुड व टीवी कलाकार फिल्मी अंदाज में गोलियां चलाता दिखाई दे रहा है। 

बताया गया कि टीवी कलाकार ने शार्प शूटर की तरह गोलियां बरसाईं थीं। वायरल से पता चला कि उसने छह गोलियां चलाईं थी।बिजनौर में बढ़ापुर थाना क्षेत्र के गांव कुआंखेड़ा के रहने वाले भूपेंद्र सिंह ने तमिल और हिन्दी फिल्मों में काम किया है। वह टीवी कलाकार भी रहा है। उसने अपनी फेसबुक आईडी पर हिंदी, तमिल, तेलगु फिल्मों में काम करने का जिक्र अपने इंट्रो में किया है। भूपेंद्र का गांव में करीब सौ एकड़ का कृषि फार्म है।बताया गया कि इसी कृषि फार्म की मेढ़ को लेकर पड़ोसी किसान से उसका विवाद हुआ। इसी विवाद में आरोपी भूपेंद्र ने किसान के पूरे परिवार पर गोलियां बरसाईं थीं। जिसमें किसान गुरदीप के एक बेटे गोविंद उर्फ गोविंदा (23) की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गुरदीप (60) और अमरीक उर्फ बूटा (25) पुत्र गुरदीप गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमले में गुरदीप की पत्नी वीरोबाई भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

लॉकडाउन से बागवानी करने लगा था भूपेंद्र
लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगने के साथ ही उसने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली थी। हालांकि वह मुंबई आता जाता रहता था। फिर भी उसने पूरा ध्यान खेती पर लगा दिया। खेती भी पारंपरिक नहीं बल्कि बागवानी पर जोर दिया। उसने अपने फार्म में किन्नू आदि के बाग लगाए। वहीं, केला आदि की बागवानी भी की है।बताया गया कि फिल्मों में शौक होने के कारण वह 1990 में मुंबई चला गया था। जोकि परिवार सहित वहीं रहने लगा। करीब दो दशक पूर्व उसके सौतेले बड़े भाई अरविंद की हत्या हो गई थी। जिसके बाद यह मुंबई से कुआंखेड़ा आने-जाने लगा था और खेती देख रहा था। हत्यारोपी भूपेंद्र के एक लड़का व एक लड़की इंग्लैंड में रहते हैं।

इन फिल्मों और सीरियल में किया काम
1996 में उसने हिंदी फिल्म यह प्यार ना होगा कम, एक हसीना थी, 1998 में श्याम घनश्याम में काम किया। 1999 में उसने तेलगू फिल्म थमडडु, 2000 में अन्ना, 2001 में देवी पुत्रुडु व भालवादेवी बासु, 2001 में ही तमिल फिल्म बदरी और 2002 में तमिल फिल्म विलियन व 2003 में ही तेलगू फिल्म विलियन व 2003 में तमिल फिल्म दिवान, 2004 में तेलगू फिल्म अंजी ववशंकर दादा एमबीबीएस कीं। उसके बाद वर्ष 2008 में हिन्दी फिल्म युवराज, 2010 में हिन्दी फिल्म सोच लो में सहायक के रूप में काम किया।

इसके अलावा उसने टेलीविजन पर जय महाभारत, 1857 क्रांति, मधुबाला इश्क एक जुनून, एक हसीना थी, तेरे शहर में, काला टीका और रिश्तों का चक्रव्यूह आदि में सहायक के रूप में किरदार निभाते हुए काम किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here