बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में हंगामा, नारेबाजी कर विपक्ष ने किया वाकआउट

तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में शुक्रवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही हंगामा हुआ। सुबह 11:00 बजे विपक्ष प्रश्नकाल रोककर नियम 67 के तहत बेरोजगारी पर चर्चा मांगता रहा। सदन में इस पर दोनों पक्षों में नोकझोंक बढ़ती गई और हंगामा शुरू हो गया। करीब 20 मिनट तक चली इस नोकझोंक के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर लिया। प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा से पहले भी विपक्ष नियम 67 के तहत बेरोजगारी पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस पर चर्चा करवाने के लिए अड़ा रहा।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आउटसोर्स पर लगे करीब 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। राज्य में लगभग 10 लाख बेरोजगार हैं।  इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि इस विषय पर सत्तापक्ष के विधायकों ने भी चर्चा मांगी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्त्व की सरकार करीब 20 हजार नौकरियां दे रही है। विभिन्न विभागों में भर्तियां की जा रही हैं। भाजपा सरकार के समय में भर्तियों में भ्रष्टाचार हुआ। इस पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। 

भाजपा के समय भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी रही: सीएम
अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया विपक्ष के विधायकों से बैठने का आग्रह करते रहे। उन्होंने कहा कि पिछले कल भी यह विषय डॉ. जनक राज की ओर से गैर सरकारी सदस्य दिवस पर लगाया गया था, लेकिन एक ही विषय पर चर्चा होती रही। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा इस चर्चा को नियम 130 में करने को तैयार है, पर कानून-व्यवस्था पर भी चर्चा करवाई जाए। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा के समय भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी रही। वर्तमान सरकार कई भर्तियां शुरू कर चुकी है। रोजगार का अवसर दिया जा रहा है। जब सत्तापक्ष कोई जवाब देने लगता है तो उसका ये हल्ला करने लग जाते हैं। वहीं, प्रश्नकाल को विपक्ष ने बाधा पहुंचाने का प्रयास किया तो निर्दलीय विधायक होशियार सिंह इसका विरोध करने लगे। वे सवाल करने देने की बात करने लगे। इस पर भाजपा विधायकों से उनकी नोकझोंक हो गई।

भाजपा ने बाहर जो डिग्रियां जलाईं, वे भी फर्जी थीं
परिसर में भाजपा विधायकों ने प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक डिग्रियां जलाईं तो सदन में इस पर भी नोकझोंक हो गई।  इस पर सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि परिसर में भाजपा ने बाहर जो डिग्रियां जलाई गईं, वे भी फर्जी थीं। जयराम ठाकुर के हाथ में जो डिग्री थी, वह भी फर्जी थी। विपक्ष के नेता जब झूठ बोलकर जाली डिग्रियां जलाते हैं तो लोगों के मन में किस तरह की बात आती होगी। इसलिए तो कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया था। झूठ न बोले और लोगों को न ठगे। डिग्रियां जलाओ, पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नाम तो बदनाम न करें। क्या उसमें कुलपति के हस्ताक्षर किए जाने चाहिए थे। 

रणधीर शर्मा ने कहा कि पिछले चार दिन से सांकेतिक तरीके से सरकार की नाकामी को दर्शा रहे हैं। इससे सरकार बौखला गई है। बाहर जो प्रदर्शन किया गया वह सांकेतिक था। उसके बाद भी जब इनके नारों की आवाज हमारे विधायकों के नारों से दब गई तो यह बौखला गए। आंदोलन सांकेतिक है। हम दो रुपये गोबर लेकर आए थे, इन्होंने नहीं खरीदा। पिछले कल बोले कि वेरका दूध लेकर आए हैं। मीडिया ने  भी पूछा, उनको भी बताया कि यह सांकेतिक है। यह प्रदेश के युवाओं का संदेश है। बाहर निकलना मुश्किल है। मुख्यमंत्री भी छात्र जीवन से आंदोलन करते रहे हैं। सीएम की बौखलाहट बताती है कि ऐसे जवाब देकर विषयों को भटकाए मत। सदन में विपक्ष ने नारेबाजी की। इसके बाद परिसर में नारेबाजी करते हुए गए भाजपा विधायक।

शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह पिछले कल 3:45 मिनट पर राजौरी में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों के लिए श्रद्धांजलि प्रकट करते हैं। इस आतंकी घटना की निंदा करते हैं। 

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