‘शायद क्रिसमस की शुभकामनाएं देने के लिए बुलाया’, ईडी के सामने पेश होने से पहले कार्ति चिदंबरम

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम शनिवार को पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। इससे पहले, ईडी कार्यालय के बाहर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ईडी का मुझे बुलाना कोई नई बात नहीं है। यह रोजाना का हो गया है। वही पुराने सवाल-जवाव होते हैं। अभी क्रिसमस का समय है। सिर्फ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए बुलाया गया होगा। 

बता दें, 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धनशोधन की जांच में पूछताछ के लिए ईडी ने समन जारी किया था। पहले भी इस मामले में कई बार पूछताछ की जा चुकी है। 

यह मेरा 20वां दिन
कार्ति ने कहा, ‘ईडी में यह मेरा 20वां दिन है। यह एक नियमित मामला बनता जा रहा है। वे वही बातें पूछते हैं और मैं वही जवाब देता हूं। यह एक निष्क्रिय और बंद मामला है। सीबीआई इस मामले को बंद कर चुकी है, लेकिन वे इसे फिर से खोलना चाहते हैं और मुझसे कुछ पूछना चाहते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘मेरे वकील पहले ही बड़े पैमाने पर जवाब दे चुके हैं। उन्हें 100 पन्नों का जवाब दे चुके हैं। मैं वही दोहराऊंगा। यह क्रिसमस का समय है। इसलिए शायद उन्होंने मुझे याद किया है और मुझे फिर से बुलाया है। क्रिसमस की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए बुलाया गया हैं।’

क्या है पूरा मामला?
सीबीआई के आरोपों के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और यह निर्धारित समय से पीछे चल रहा था। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार टीएसपीएल के एक अधिकारी ने 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि टीएसपीएल के तत्कालीन एसोसिएट उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने मानसा स्थित बिजली संयंत्र में काम करने वाले चीनी श्रमिकों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने के लिए भास्कररमन से संपर्क किया था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मखारिया ने अपने करीबी सहयोगी भास्कररमन के जरिए कार्ति से संपर्क किया। 

इसमें आरोप लगाया गया है, ‘उन्होंने उक्त चीनी कंपनी के अधिकारियों को आवंटित 263 परियोजना वीजा का पुन: उपयोग करने की अनुमति देकर अधिकतम सीमा (कंपनी के संयंत्र के लिए अनुमत अधिकतम परियोजना वीजा) के उद्देश्य को विफल करने के लिए एक बैक-डोर तरीका तैयार किया।’

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