देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को जम्मू दौरे पर पहुंचे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व सेना के उच्च अधिकारियों ने जम्मू एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। रक्षा मंत्री के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी जम्मू आए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जमीनी हकीकत की जानकारी लेने के लिए पहुंचे। यहां से वह राजोरी के लिए रवाना हुए।
रक्षा मंत्री ने राजोरी में सैनिकों को संबोधित कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने पुंछ हमले में बलिदान हुआ चार जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना की। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही आतंकियों का सफाया किया जाएगा, इस बात का उन्हें विश्वास है। राजोरी में सैनिकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा, ‘… हमारे लिए हर सैनिक बेहद महत्वपूर्ण है, हमारा हर एक सैनिक परिवार के सदस्य के समान है। आपके ऊपर कोई नजर डाले यह हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए शासन की तरफ से जिस भी सहयोग की आवश्यकता होगी उसके लिए सरकार का खजाना खुला हुआ है…’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे को लेकर जम्मू, पुंछ और राजोरी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मुख्य चौक-चौराहों पर अतिरिक्त नाके लगाए गए हैं। जम्मू और राजोरी में अतिरिक्त नफरी लगाई गई है।
पुंछ-राजोरी में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी, खंगाला जा रहा चप्पा-चप्पा
पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के देहरागली के सावनी क्षेत्र में 21 दिसंबर को दो सैन्य वाहनों पर आतंकियों ने घात लगा कर हमला किया। इस हमले में शामिल आतंकियों का पता लगाने के लिए सुरक्षा बलों का ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है। इस दौरान हमले में शामिल आतंकियों को मदद पहुंचाने वालों का पता लगाने के लिए सेना ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन पर आतंकियों की किसी न किसी प्रकार से मदद करने का शक है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने देहरागली आतंकी हमले के मामले में पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों के 15 और संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है ताकि हमले में शामिल दहशतगर्दों का सुराग मिल सके। इससे पहले आतंकी हमले के अगले दिन ही सुरक्षाबलों ने घटना स्थल के निकटवर्ती गांव सावनी और टोपापीर से 20 संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया था।
इनमें से तीन लोगों की स्थितियों में मौत हो गई थी। इस पर संदिग्धों को हिरासत में लेने का काम रोक दिया गया था, जिसे मंगलवार को फिर शुरू किया गया। गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में पुंछ जिले के भाटादूडियां में सैन्य वाहन पर हमले में पांच जवानों के बलिदान के बाद सुरक्षा बलों ने करीब सौ संदिग्धों से पूछताछ की थी। इसमें यह पता लगा था कि हमले में शामिल आतंकियों ने गांव गुरसाई में दो महीने तक एक गुप्त ठिकाने पर पनाह ली थी और गांव के दो लोगों ने उन्हें हर प्रकार का सहयोग दिया था।