बिहार में राजनीतिक कलाबाजियों के लिए पहिचाने वाले नीतीश कुमार ने लालू पुत्र तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने को शतरंज का पांसा बिछाने वाले ललन सिंह (जो वास्तव में राजीव रंजन सिंह हैं) से इस्तीफा ले लिया और एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन बैठे हैं। नीतीश बाबू ने ऐसे ही कभी खांटी सोशलिस्ट जॉर्ज फर्नान्डीज, शरद यादव को जदयू के अध्यक्ष पद से हटाया था। कभी लालू जी ने भाजपा को सावधान किया था कि नीतीश केंचुली बदलने वाला साँप है। आज कह रहे हैं कि लालू खानदान का नवजात शिशु भी मुंह में दांत लिए पैदा होता है। दूसरी तरफ नीतीश बाबू के चाणक्य कहते हैं-राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता। लगता है ललन व नीतीश नये साल में अपने पत्ते खोलेंगे।
गोविन्द वर्मा