प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से गुलामी के प्रतीक चिन्हों को समाप्त करने का आह्वान किया था। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने जहां आजाद हिन्द का झण्डा फहराया था, मोदी ने वहां पहुंच कर लक्षद्वीप समूहों के नाम आजादहिन्द सेना के पराक्रमी वीरों के नाम पर घोषित किये। सितम्बर 2022 में ब्रिटिश ध्वज यूनियन जैक के निशान वाले झण्डे के स्थान पर पहली भारतीय नौसेना का गठन करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के जलयानों पर लहराने वाले झंडे को भारतीय नौसेना का ध्वज घोषित किया गया।
अब इस दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। शासन ने निर्णय लिया है कि नौसेना के शीर्ष अधिकारी अब ब्रिटिश नौसेना द्वारा अपनाया गया नेल्सन रिंग का प्रतीक चिन्ह धारण नहीं करेंगे। हमारे टॉप नौसेना अधिकारी अब शिवाजी की नौसेना का चिन्ह धारण करेंगे।
जिन लोगों को अब भी भारत की गुलामी पर गर्व है और जो खुद को हमलावरों की औलाद कह कर गौरान्वित होते हैं, इन परिवर्तनों से इनको बड़ी छटपटाहट होती है किन्तु परिवर्तन का चक्र अब रुकने वाला नहीं है।