बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शीट शेयरिंग को लेकर सियासित जारी है। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड अब भी अपनी 17 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। वहीं अब इस मामले में वाम दल की ओर भी प्रतिक्रिया आई है। वाम दल ने जदयू की 17 सीटों की मांग पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि बिहार में 17 लोकसभा सीट पर जदयू का कोई हक नहीं बनता है। वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सीट शेयरिंग के सवाल पर कहा कि गठबंधन के बड़े नेता इसपर तय करेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मीडिया को जानकारी देकर सीट का बंटवारा नहीं होता है।
जदयू का 17 लोकसभा सीट पर कोई हक नहीं बनता है
वामदल के विधायक रामबली सिंह यादव ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जदयू का 17 लोकसभा सीट पर कोई हक नहीं बनता है। हमलोगों की स्थिति काराकाट, आरा, पाटलिपुत्र और जहानाबाद में काफी मजबूत है। हमलोगों की मांग हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में हमें यह सीटें चाहिए। बता दें कि जहानाबाद और काराकाट सीट पर जदयू का कब्जा है। काराकाट सीट पर जदयू के महाबली सिंह सांसद हैं। वहीं जहानाबाद सीट पर जदयू के चंदेश्वर चंद्रवंशी सांसद हैं। वामदल के इस मांग के बाद महागठबंधन के अंदर सियासी घमासान मच गया।
जदयू ने कहा- हमलोग किसी भी हालत में अपनी सीट नहीं छोड़ेंगे
इधर, वामदल के मांग पर जदयू के वरीय नेता भीष्म सहनी ने कहा कि हमलोग किसी भी हालत में अपनी सीट नहीं छोड़ेंगे। वामदल राजद से शीट शेयरिंग के मामले पर बात करें। हमलोगों 17 सीटों की मांग कर रहे हैं। यह वाजिब मांग है। इन सीटों पर जदयू ने लोकसभा 2019 का चुनाव जीता था। इसलिए इन सीट पर हमारा हक है। इसमें कहीं कोई संशय नहीं है कि हमलोग इस बार भी इन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। भीष्म सहनी ने कहा कि 20 जनवरी को सभी सीट का फॉर्मूला सामने आएगा। इससे पहले जदयू के विधायक और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर कहा था कि इंडिया गठबंधन में जदयू के 17 सीटों के दावों का आधार भी है। पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू पार्टी ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी, कुल मिलाकर 17 सीटों पर हमलोग लड़े थे।