अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हमारे विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन पर बताया कि अमेरिका व ब्रिटेन ने संयुक्त अभियान चला कर लाल सागर में व्यावसायिक जलयानों को लूटने वाले हैती लुटेरो पर 73 बड़े हमले किये और मुस्लिम देश यमन में आश्रय लिए 5 लुटेरों को मार गिराया गया है।
हैती लुटेरों को दीर्घकाल से ईरान का संरक्षण व मदद मिलती है। अन्य इस्लामी देश भी इनके मददगार हैं। ये समुद्री लुटेरे दशकों से व्यापारिक जहाजों को घेर कर चालकदल के सदस्यों व अन्य यात्रियों को बंधक बनाते हैं उन्हें मार कर जहाज को लूट लेते हैं। ईरान ने इन समुद्री लुटेरों को मिसाइलों व स्वचालिच शस्त्रों से लैस किया हुआ है। इन समुद्री लुटेरों ने पिछले पखवाड़े अरब व लाल सागर में भारत के तीन जलयानों पर आक्रमण किये। इन समुद्री हमलों के लिए हैती लुटेरों ने भारत पर आरोप मढ़ा कि वह हमास-इस्राइल युद्ध में इस्राइल की मदद कर रहा है। भारतीय नौसेना ने लुटेरों से अपने जहाज व चालक दल को मुक्त करा लिया था।
हैती लुटेरे ईरान, यमन आदि मुस्लिम देशों के दम पर लूटमार करते हैं। 58 इस्लामी देशों में से एक भी मुस्लिम देश इन लुटेरों को गुंडागर्दी से रोकने या उनकी निन्दा करने को तैयार नहीं। भारत का भी कोई कट्टरपंथी नेता हैती बदमाशों की निन्दा नहीं करता, भले ही वे समुद्र में भारतीय जहाजों को बंधक बनाते हों या लूटते हों। हैती लुटेरों के शिकार यूरोप व अमेरिका आदि गैर इस्लामी देशों के ही जलयान होते हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साम्प्रदायिक लूटतंत्र चलाने का षड्यंत्र है, जिससे भारत सहित विश्व के सभी गैर-इस्लामी देश परेशान हैं। मुस्लिम देशों का खुला समर्थन मिलने के कारण समुद्री लुटेरों के नेता अब्दुल सलाम ने अमेरिका व ब्रिटेन को गीदड़ भमकी दी है। समुद्री लूट भी अंतर्राष्ट्रीय आतंक का एक रूप है, जिसका दुनिया को सामना करना पड़ रहा है।
गोविन्द वर्मा