अपने माता-पिता की सेवा करना हर इंसान का धर्म होता है और सबसे बड़ा कर्तव्य भी. हालांकि आजकल की दुनिया मतलबी हो गई है. लोगों को उन मां-बाप से भी मोह नहीं रह गया है, जिन्होंने उसे जन्म दिया, पाल-पोसकर बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया और एक काबिल इंसान बनाया. ऐसे मामले अक्सर ही सामने आते रहते हैं, जब बच्चे ही अपने मां-बाप को घर से निकाल देते हैं या उन्हें उपेक्षित करते हैं. ऐसे में कई माता-पिता भी बच्चों के खिलाफ कठोर कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला आजकल काफी चर्चा में है, जिसने लोगों को न सिर्फ हैरान किया है बल्कि इमोशनल भी कर दिया है.
दरअसल, मामला कुछ यूं है कि चीन की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने अपनी 2.8 मिलियन डॉलर यानी 23 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति अपनी पालतू बिल्लियों और कुत्तों के लिए छोड़ने का फैसला किया है और दावा किया है कि वो हमेशा उसके साथ रहे हैं, उसके लिए हर मोड़ पर खड़े रहे हैं, लेकिन उसके अपने तीन बच्चे नहीं रहे.
ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने कुछ साल पहले अपनी पहली वसीयत बनाई थी, जिसमें उसने अपनी सारी संपत्ति अपने तीनों बच्चों के बीच बांट दी थी, लेकिन जब उन्होंने उसे नजरअंदाज करना शुरू किया तो हाल ही में महिला का हृदय परिवर्तन हो गया, जिसके बाद उन्होंने अपना सारी संपत्ति अपने पालतू जानवरों के नाम कर दी. महिला का दावा है कि जब वह बीमार थी तो उसके बच्चे कभी उससे मिलने नहीं आए, उसकी देखभाल की कोई व्यवस्था नहीं की और वो शायद ही कभी उससे संपर्क करते थे. इसलिए उसने अपनी सारी संपत्ति केवल उन जानवरों के लिए छोड़ने का फैसला किया है जो हमेशा उसके साथ रहे हैं.
चर्चा में महिला की ये कहानी
शंघाई की रहने वाली इस महिला ने बाद में जो अपनी वसीयत बनाई, उसमें उसने लिखा कि उसके मरने के बाद उसका सारा पैसा उसके पालतू जानवरों और उन जानवरों के बच्चों की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाए. हालांकि चीनी कानून के मुताबिक, अपने पालतू जानवरों के लिए संपत्ति छोड़ना मना है, ऐसे में महिला ने एक वकील से संपर्क किया और इसका एक रास्ता निकाला. उसने अपनी संपत्ति के वारिस के रूप में एक वेटरनरी क्लिनिक यानी पशु चिकित्सालय को चुना और उसे अपने प्यारे पालतू जानवरों की देखभाल का जिम्मा सौंप दिया. बुजुर्ग महिला की इस कहानी ने चीन में लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है.