चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस ने किया स्वागत

कांग्रेस ने गुरुवार को चुनावी बांड योजना को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की ताकत को मजबूत करेगा। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया। हम आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है।

खड़गे ने आगे लिखा कि हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और एफएम ने बीजेपी का खजाना भरने के लिए हर संस्थान – आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95% फंडिंग बीजेपी को मिली। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारती विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और सुप्रीम कोर्ट की बात सुनेगी, ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे। जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की काफ़ी प्रचारित-प्रसारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान का भी उल्लंघन माना है। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने का फ़ैसला स्वागत योग्य है। यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। इस फ़ैसले की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही थी। मोदी सरकार ‘चंदादाताओं’ को विशेष तरह के अधिकार और छूट दे रही है जबकि ‘अन्नदाताओं’ के साथ अन्याय पर अन्याय करती जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें यह भी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर भी ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से इंकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी और साफ़ है तो फिर समय न देने की ज़िद क्यों?

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