उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार की रात नमक की मंडी बाजार में चांदी पालिश के प्लांट में काम करने वाले रवि और आकाश की जान यूं ही नहीं गई। घातक केमिकल का इस्तेमाल जानलेवा बना। हादसे के बाद पुलिस ने प्लांट में जांच की। पुलिस को केमिकल से भरी कट्टियां मिलीं। इनको कब्जे में लिया गया है। मार्केट के दुकानदारों ने पुलिस को बताया कि चांदी की चमक बढ़ाने के लिए प्लांट संचालक पोटेशियम साइनाइड का प्रयोग करते हैं। हादसे के पीछे भी इसी केमिकल को ही माना जा रहा है।
तंग गलियों में चांदी पॉलिश के दर्जनों प्लांट हैं। जिस प्लांट में हादसा हुआ, वह आठ फुट के कमरे में बना हुआ है। इसमें सिर्फ एक खिड़की है, उसमें एग्जॉस्ट लगा हुआ है। इसके अलावा गैस बाहर निकलने का कोई इंतजाम नहीं था। जिस समय पुलिस पहुंची एग्जॉस्ट बंद था। एसीपी एत्मादपुर डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि मृतकों के मुंह और नाक सफेद पड़े हुए थे। ऐसा लग रहा था कि सांस के साथ केमिकल भी अधिक मात्रा में चला गया।
केमिकल रिएक्शन से बन गई गैस
प्लांट में एक वाईब्रेटर रखा हुआ था। कुछ केमिकल भी रखा हुआ मिला है। मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि चांदी पॉलिश के लिए कई केमिकल प्रयोग किए जाते हैं। इनमें पोटेशियम साइनाइड का प्रयोग अधिक होता है। इसके अलावा चांदी साफ करने के लिए एसिटिक एसिड और डिस्टिल वाटर का प्रयोग भी होता है। कारीगर वाईब्रेटर में केमिकल मिला रहे थे। तभी केमिकल फैल गया। यह नाली से बाहर निकलने के बजाय फर्श से दुकान के अंदर रखे अन्य केमिकल से मिल गया। केमिकल रिएक्शन से गैस बन गई।
प्लांट संचालक से होगी पूछताछ
इससे कारीगर दम घुटने की वजह से गिर पड़े। उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला। संचालक भी आया, लेकिन वो भी गिर पड़ा। पोटेशियम साइनाइड घातक होता है। इसका इस्तेमाल कैसे किया जा रहा था? इसकी जांच की जा रही है। शवों का पोस्टमार्टम पैनल से कराया जा रहा है। फोरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है। प्लांट संचालक से पूछताछ होगी।