अधीर रंजन चौधरी का ममता पर निशाना, शांतनु सेन का पलटवार

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को इंडिया गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। चौधरी ने कहा कि वे (टीएमसी) दुविधा में हैं। पार्टी सुप्रीमो (ममता बनर्जी) की ओर से आधिकारिक तौर पर हां या ना होनी चाहिए। वे आधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे हैं कि गठबंधन बनाने की प्रक्रिया ख़त्म हो गई है। क्योंकि वे दुविधा में हैं। 

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना ​​है कि अगर पार्टी इंडिया गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ती है, तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक उनके खिलाफ मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि टीएमसी का एक धड़ा चाहता है कि गठबंधन जारी रहे। एक और वर्ग इस दुविधा में है कि अगर बंगाल में गठबंधन को ज्यादा महत्व दिया गया तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करेगी… इन दोनों दुविधाओं के कारण टीएमसी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि दिल्ली में कुछ बातचीत हुई हो, लेकिन मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है। 

वहीं, अधीर रंजन चौधरी के बयान पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि अधीर चौधरी को पहले अपना रुख साफ करना चाहिए। हर कोई जानता है कि पिछले कुछ सालों से वह बीजेपी विरोधी ताकत टीएमसी को बदनाम करने और बीजेपी को ऑक्सीजन देने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को, कांग्रेस ने कहा कि पार्टी और टीएमसी के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत पटरी पर आ गई है, क्योंकि टीएमसी ने शुरू में दावा किया था कि वह अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। कांग्रेस ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में कांग्रेस 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 

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