पीएम मोदी ने किया साबरमती आश्रम के मास्टर प्लान का शुभारंभ, बापू के आश्रम को बताया अप्रतिम ऊर्जा का केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले अपने गृह राज्य गुजरात दौरे पर हैं. मंगलवार को पीएम मोदी ने रेलवे को कई सौगात दीं. पीएम मोदी 10 वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.  इसके साथ ही 85 हजार करोड़ के रेलवे प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया. इसके बाद पीएम मोदी महात्मा गांधी के साबरमती स्थित आश्रम पहुंचे. जहां उन्होंने एक पौधा लगाया और आश्रम के कायाकल्प के मास्टर प्लान का शुभारंभ किया. इसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को भी संबोधित किया. 

बापू के साबरमती आश्रम का होगा कायाकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “पूज्य बापू का ये साबरमती आश्रम हमेशा से ही एक अप्रतिम ऊर्जा का जीवंत केंद्र रहा है. हर किसी को जब-जब यहां आने का अवसर मिलता है, तो बापू की प्रेरणा हम अपने भीतर स्पष्ट रूप से अनुभव कर सकते हैं. सत्य, अहिंसा का आदर्श हो, राष्ट्र आराधना का संकल्प हो, गरीब और बंचित की सेवा में नारायण सेवा देखने को ख्वाब हो साबरमती आश्रम बापू के इन मूल्यों को आज भी सजीव किए हुए हैं.”

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आज मैंने यहां साबरमती आश्रम पुनर्विकास और विस्तार का शिलान्यास किया. बापू का पहला आश्रम था जो कोचर आश्रम था उसका भी विकास किया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि आज उसका भी लोकार्पण हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि आज 12 मार्च की ऐतिहासिक तारीख भी है. आज के ही दिन बापू ने स्वतंत्रता आंदोलन की धारा को बदला और दांडी यात्रा स्वतंत्रता के आंदोलन के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई. पीएम मोदी ने कहा कि पूज्य बापू का ये साबरमती आश्रम सदैव अतुल्य ऊर्जा का जीवंत केंद्र रहा है. जब भी हम यहां आते हैं तो हम बापू की प्रेरणा को अपने भीतर महसूस कर सकते हैं.”

‘साबरमती से शुरू हुआ अमृत महोत्सव’

पीएम मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधी जी ने अपना पहला आश्रम कोचरप आश्रम में ही बनाया था. गांधी जी जहां चरखा चलाया करते थे कारपेट्री का काम सीखते थे दो साल तक कोचरप आश्रम में रहने के बाद गांधी जी साबरमती आश्रम में आए थे. पीएम मोदी ने कहा कि आजाद भारत में भी ये तारीख ऐसे ही ऐतिहासिक अवसर के नए युग का सूत्रपात करने की गवाह बन चुकी है. 12 मार्च, 2022 को इसी साबरमती आश्रम से देश ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया था. दांडी यात्रा ने आजाद भारत की पुण्यभूमि तय करने में एक अहम भूमिका निभाई थी और अमृत महोत्सव के शुभारंभ ने अमृतकाल में भारत के प्रवेश का श्रीगणेश किया. 

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