कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 53वां दिन है. इससे पहले शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच हुई 9वें दौर की बातचीत भी किसी समाधान पर नहीं पहुंची. अब 19 जनवरी को फिर से सरकार और किसानों के बीच मुलाकात होगी.
किसानों को 50 फीसदी लाभ मिले, यह काम हमनें कियाः गृह मंत्री अमित शाह
कर्नाटक के बेलगावी में गृह मंत्री अमित शाह ने एक जनसभा में कहा जब कांग्रेस सत्ता में थी तब 2013-14 में कृषि बजट 21,900,036 करोड़ रुपये का था. मोदी जी ने 2220-21 में कृषि बजट बढ़ाकर 1,34,399 करोड़ रुपये कर दिया. किसानों का जितना खर्चा हैं, उसपर उन्हें 50% तक लाभ मिले यह काम हमने किया हैं.
सरकार कृषि कानूनों को क्यों नहीं निरस्त कर रही है?
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को नागपुर में कहा कि अगर कुछ लाख किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, तो सरकार कृषि कानूनों को क्यों नहीं निरस्त कर रही है? मुझे लगता है कि आंदोलन जारी रहेगा.
किसानों की आय दोगुनी करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता : गृह मंत्री शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि किसानों की आय को दोगुना करना केन्द्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और तीन केंद्रीय कृषि कानून उनकी आय में कई गुना वृद्धि सुनिश्चित करेंगे.
सरकार को रद्द करने पड़ेंगे तीनों कानून – राकेश टिकैत
क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं. सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता
नोटिसों से डरने वाले नहीं हैं किसान – रणदीप सुरजेवाला
किसानों को मिले एनआईए के नोटिस पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश के किसानों की उग्रवादियों की जांच करने वाली एजेंसी से जांच करवा रहे हैं. पीएम बताएं कि वे क्या साबित करना चाहते हैं. इन नोटिसों से किसान डरने वाले नहीं हैं. सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, एनआईए बीजेपी के फ्रंटल संगठन बनकर रह गए हैं.
कृषि कानूनों से होगा किसानों का फायदा
कर्नाटक में जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के भले के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है, तीनों कृषि कानूनों से किसानों को लाभ होगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. किसान देश-विदेश कहीं भी फसल बेच पाएंगे.
टस से मस नहीं हुए किसान संगठन – कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
भारत सरकार ने किसान यूनियन के साथ एक बार नहीं 9 बार घंटों तक वार्ता की, हमने लगातार किसान यूनियन से आग्रह किया कि वो कानून के क्लॉज पर चर्चा करें और जहां आपत्ति है वो बताएं. सरकार उस पर विचार और संशोधन करने के लिए तैयार है. किसान यूनियन टस से मस होने को तैयार नहीं है, उनकी लगातार ये कोशिश है कि कानूनों को रद्द किया जाए. भारत सरकार जब कोई कानून बनाती है तो वो पूरे देश के लिए होता है, इन कानूनों से देश के अधिकांश किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग सहमत हैं.सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है. हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें.
24 जनवरी से पहले दिल्ली पहुचेंगे एक लाख ट्रैक्टर
– किसानपंजाब: गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के लिए लुधियाना में तैयारियां चल रही हैं. ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा ले रहे एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “24 जनवरी से पहले हमने एक लाख ट्रैक्टर पहुंचाने की ज़िम्मेदारी ली है, सब एकजुट होकर काम कर रहे हैं।”
किसान नेता बोले – 26 जनवरी को होगा शांतिपूर्ण प्रदर्शन
26 जनवरी को बड़ी संख्या में किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक लेने के लिए दिल्ली आ रहा है. सरकार को भ्रम है कि हम इस आंदोलन को तोड़ देंगे लेकिन हम ये आंदोलन टूटने नहीं देंगे. 18 जनवरी को हम महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे. 26 जनवरी को लाल किले पर टैंक के सामने ट्रैक्टर चलाने जैसा कोई प्लान मोर्चा ने नहीं बनाया है: मंदीप नथवान, किसान संघर्ष समिति, हरियाणा
हमारा दिल्ली के साथ कोई युद्ध नहीं – किसान नेता
पूरी दुनिया की नज़र 26 जनवरी के कार्यक्रम पर है. कुछ लोग सरकार की शह पर इस आंदोलन को उग्र करना चाहते हैं, हमारा ये आंदोलन नीतियों के खिलाफ है ना कि दिल्ली के खिलाफ. ऐसा प्रचार किया जा रहा है जैसे दिल्ली के साथ कोई युद्ध होने जा रहा हो: मंदीप नथवान, किसान संघर्ष समिति, हरियाणा
कोर्ट में दायर याचिका से कोई लेना देना नहीं – संयुक्त किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा ने तो ऐसी बात सोची भी नहीं, न चर्चा की. हम कोर्ट में नहीं गए और अभी भी जाने का सवाल नहीं है: किसान यूनियन के सुप्रीम कोर्ट में निष्पक्ष लोगों की कमेटी गठित करने की याचिका पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह
किसान संगठन की मांग – फिर से गठित हो पैनल
किसानों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. संगठन की तरफ से मांग की गई है कि बनाए गए पैनल को दोबारा से गठित किया जाए. इसमें न्यूट्रल लोगों को रखा जाए. यह याचिका भारतीय किसान यूनियर (लोक शक्ति) की तरफ से दायर की गई है. बता दें कि चार सदस्यों की कमिटी में से भुपेंद्र सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है. याचिका में लिखा है कि तीन अन्य सदस्य अशोक गुलाटी, प्रमोद कुमार जोशी और अनिल घनवत पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं, इसलिए नई कमिटी बननी चाहिए.
पंजाब के शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
मोदी सरकार की ट्रिक है. भारत सरकार की जितनी एजेंसी है, हर संस्था का इन्होंने इस्तेमाल किया है. जो आढ़ती भाई किसान आंदोलन के साथ हैं, उनपर आयकर विभाग ने छापेमारी की. उन्होंने इसका जोरदार सामना किया. मैं उनसे खुद मिलकर आया हूं: पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला, लुधियाना
यूपी सरकार ने MSP पर खरीदा 601 लाख क्विंटल धान
किसान आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने MSP पर धान खरीदना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार की ओर से MSP पर धान खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. अभी तक 601 लाख क्विंटल धान खरीदा जा चुका है जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में खरीदे गए धान से लगभग डेढ़ गुना से भी अधिक है. अब तक 10,63,887 क्विंटल मक्का की भी खरीद की गई है.
NIA के सामने पेश नहीं होंगे किसान नेता
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि वह रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उनकी पोती की शादी है और इसी सिलसिले में वह सात फरवरी तक पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्हाट्सएप पर नोटिस मिला है. सिरसा ने स्पष्ट किया कि एजेंसी की ओर से उन्हें तलब किए जाने से संबंधित कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भेजे हैं, जिनमें एक पत्रकार और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है.
किसान आंदोलन का 53वां दिन
कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 53वां दिन है. इससे पहले शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच हुई 9वें दौर की बातचीत भी किसी समाधान पर नहीं पहुंची. अब 19 जनवरी को फिर से सरकार और किसानों के बीच मुलाकात होगी.