मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सामाजिक मान्यताओं को तार तार करने का मामला प्रकाश में आया है। मंडप में दूल्हा नहीं पहुंचने के बाद जिम्मेदारों ने भाई को ही बैठा कर विवाह कार्यक्रम संपन्न करा दिया। यह मामला यूपी के महराजगंज स्थित लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत कजरी का है। मामले की जानकारी होते ही खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने आनन फानन में लाभार्थी को नोटिस जारी कर योजना में मिले सामग्रियों को वापस करा दिया है। प्रकरण के बाद जिम्मेदारों में हड़कंप मच गया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम पांच मार्च 2024 को लक्ष्मीपुर ब्लॉक परिसर में आयोजित किया गया था। इसमें सबसे हैरान करने वाली खबर यह है कि ग्राम पंचायत कजरी से मिली है। सभी तैयारियों के साथ वर-बधू पक्ष के लोग ब्लॉक परिसर में पहुंचे। वर भी आया था, लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किन्ही कारणों से ब्लॉक परिसर से चला गया। चयनित दूल्हा मंडप में बैठने से इनकार कर दिया था। उसका कहना था कि उसे मंडप में बैठने लज्जा आ रही है। इस कार्यक्रम के जिम्मेदार द्वारा वर बधू को सामान देने के लिए बुलाने लगे तो दूल्हे की जगह पर भाई को ही मंडप में बैठा दिया गया। इतना ही नहीं शासन से लाभ पाने के लिए बहन भाई में ही वर माला पहनाकर शादी कार्यक्रम भी कराया गया।
खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने आनन फानन में लाभार्थियों को नोटिस जारी कर सामान वापस कराया। लड़की पक्ष को मिलने वाले 35 हजार धनराशि पर रोक लगा दिया।बीडीओ अमित मिश्रा ने बताया कि वर-बधू दोनों पक्ष का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। लेकिन कजरी गांव का मामला सामने आते ही लाभार्थियों से सामग्री वापस कराते हुए नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा लाभार्थी को शासन से मिलने वाले 35 हजार धनराशि पर भी रोक लगा दिया गया है। पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है।