हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ओबीसी विभाग के अध्यक्ष विक्रम चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। विक्रम चौधरी प्रदेश सरकार की कारगुजारी से नाखुश हैं। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को इस्तीफा दिया। जुलाई 2022 में उनकी कांग्रेस ओबीसी विभाग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हुई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार को 15 माह का समय बीत गया है, लेकिन ओबीसी राज्य आयोग और हिमाचल प्रदेश ओबीसी वित्त निगम के चेयरमैन की अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई। ओबीसी प्रमाण पत्र की वैद्यता बढ़ाने की मांग भी पूरी नहीं हो पाई है। 418 प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी और ब्लाक कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं, लेकिन इसमें ओबीसी वर्ग से महज आठ सदस्य हैं।
उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरी में भी ओबीसी को 18 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण इस वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी है। इन सभी मांगों के चलते विक्रम चौधरी ने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है।
विक्रम स्व. चौधरी सरवण कुमार के बेटे हैं। चौधरी सरवन कुमार मलोग गांव के रहने वाले थे। वे 1977 से 1982 तक विधानसभा अध्यक्ष और स्वास्थ्य तथा आबकारी एवं कराधान मंत्री रहे। चौधरी सरवण कुमार के नाम पर ही हिमाचल प्रदेश कृषि विवि पालमपुर का नामकरण हुआ है।विक्रम ने कहा कि ओबीसी वर्ग की मांगों को इस सरकार में पूरा नहीं किया जा सका है। इसके चलते समुदाय के लोग उनसे बार-बार सवाल पूछ रहे थे। जब मांगें ही पूरी नहीं होंगी तो पद पर बने रहने का कोई फायदा नहीं।