वाटर स्पोर्ट्स कयाकिंग और कैनोइंग स्टार बिल्किस मीर इस साल ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में जूरी सदस्य के रूप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली भारत की पहली महिला बनने के लिए तैयार हैं। इसकी मेजबानी 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस में होनी है।
पेरिस खेलों के लिए जूरी सदस्य के रूप में बिल्किस की नियुक्ति की आधिकारिक सूचना भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा जम्मू-कश्मीर प्रशासन को एक पत्र के माध्यम से दी गई है।
आईओए ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को लिखे पत्र में कहा, ‘बिल्किस मीर, वॉटर स्पोर्ट्स प्रमोटर, डेवलपर, एथलीट, भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन के जूरी सदस्य को पेरिस ओलंपिक खेलों में संचालन के लिए जूरी के सदस्य के रूप में नामित किया गया है। वह पेरिस ओलंपिक में जूरी सदस्य के रूप में नियुक्त होने वाली भारत की पहली महिला हैं।’
ओलंपिक के लिए जूरी सदस्य के रूप में अपनी नियुक्ति से खुश बिल्किस ने कहा कि यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। क्योंकि ओलंपिक न केवल एथलीटों के लिए बल्कि सभी के लिए अंतिम लक्ष्य की तरह है। इससे जुड़ना बहुत ही सौभाग्यशाली होना है।
बिल्किस ने कहा कि उन्होंने 1998 में डल झील से एक कैनोइस्ट के रूप में अपनी खेल के जीवन की शुरुआत की की और देश का प्रतिनिधित्व किया। वह महिला कैनोइंग टीम की पूर्व कोच हैं, जो इस साल पेरिस खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगीं। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल चीन के हांगझू में एशियाई खेलों में जूरी सदस्य भी थीं।

अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में संवैधानिक विशेषाधिकारों को रद्द करने से पहले के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक कश्मीरी लड़की के लिए उस समय खेल खेलना बहुत मुश्किल था, लेकिन उन्होंने डोंगी चलाना शुरू किया और रास्ते में आने वाली कई चुनौतियों पर काबू पाया।
उन्होंने कैनोइस्ट के रूप में अपनी असली पहचान हासिल की, जो उस समय जम्मू-कश्मीर में लगभग अनसुना खेल था और उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया।
बिल्किस ने कहा, ‘यह न केवल मेरे या केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। मैं पेरिस ओलंपिक में प्रतिष्ठित जूरी के सदस्य के रूप में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात मानती हूं। मैं हांग्जो एशियाई खेलों में जूरी सदस्य भी थी। यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि उन सभी लड़कियों या महिलाओं के लिए विजय का क्षण है जो खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने की इच्छा रखती हैं। इस बार (ग्रीष्मकालीन खेलों के लिए) एशिया से केवल दो जूरी सदस्यों को चुना गया है, अन्य जापान से हैं।’
उन्होंने 2008 में शीर्ष खेल आयोजनों में जूरी सदस्य बनने के लिए परीक्षा उत्तीर्ण की और पिछले साल के हांग्जो एशियाई खेलों में पैनल में अपने आचरण और प्रदर्शन के लिए प्रशंसा अर्जित की।
बिल्किस ने अपने माता-पिता, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘मैंने 1998 में डल झील से एक कैनोइस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया, जब एक लड़की के लिए ट्रैकसूट पहनना भी एक चुनौती थी। विश्व चैंपियनशिप में अपने देश के लिए खेलने से पहले मैंने 12 वर्षों तक राष्ट्रीय आयोजनों में यूटी का प्रतिनिधित्व किया। मैं 10 साल तक (महिला) राष्ट्रीय टीम का कोच भी रही। मैंने 2008 में जर्मनी में इस परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त की, जहां मुझे दूसरे सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीश के रूप में चुना गया।’