किच्चातिवु-वंशवाद और भ्रष्टाचार… दक्षिण के दुर्ग को भगवामय करने की तैयारी में पीएम मोदी

आधी आस्तीन की शर्ट, कंधे पर अंगवस्त्र और धोती… तमिलनाडु के पारंपरिक परिधान वेष्टि में पीएम नरेंद्र मोदी का किच्चातिवु के बारे में बात छेड़ना एक बड़ा सियासी संदेश था. कच्चातिवु का यह मुद्दा उठाकर पीएम मोदी ने तमिल हित को नजरअंदाज करने के लिए डीएमके और सहयोगी कांग्रेस पर निशाना साधा. दूसरी ओर पीएम ने तमिल मतदाताओं के हित की बात कर उनका दिल जीतने की कोशिश भी की. पीएम के इन्हीं प्रयासों का ही परिणाम है कि आज पीएम मोदी साउथ में एक बड़ा ब्रांड बनते जा रहे हैं. पीएम लगातार साउथ में एक्टिव हैं, हर दिन बड़ी रैलियां और रोड शो कर रहे हैं, जिन्हें देखने और सुनने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. मंगलवार को चेन्नई में पीएम नरेंद्र मोदी का रोड शो इसकी बानगी भर था.

दक्षिण का द्वार यानी कर्नाटक कई बार फतह कर चुकी भाजपा अब ब्रांड मोदी के दम पर दक्षिण भारत को जीतने की जुगत में है. इसे साकार करने का बीड़ा खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने उठाया है. वह लगातार दक्षिण भारत के दौरे कर रहे हैं. पीएम मोदी की नजर यहां 5 राज्यों में पड़ने वाली 129 सीटों पर है, लेकिन उनका मुख्य फोकस तमिलनाडु है. यहां की 39 में से 23 सीटों पर इस बार भाजपा मैदान में हैं. सहयोगी दल पीएमके 10 सीटों और तमिल मनिला कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

पीएम मोदी के लिए साउथ क्यों जरूरी?

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया है. अबकी बार 400 पार ही पीएम मोदी का मूल मंत्र है. इस सूत्र वाक्य को साकार करने के लिए भाजपा को दक्षिण में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की जरूरत है. यहां 5 राज्यों में 129 सीटें हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा पर इंडिया गठबंधन मजबूत माना जा रहा है. दक्षिण की इन 129 सीटों में सबसे ज्यादा सीटें तमिलनाडु में हैं, जिनकी संख्या 39 है. इसके बाद कर्नाटक में 28, आंध्रप्रदेश में 25, केरल में 20 और तेलंगाना में 17 सीटें हैं. अगर भाजपा को अबकी बार 400 पार का लक्ष्य पाना है तो पार्टी को साउथ की इन सीटों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की जरूरत होगी.

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