मुस्लिमबहुल शहर अलीगढ़ के चुनावी दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया था कि उनकी नीति- ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अनुरूप मुस्लिमों के हित में सरकार ने क्या-क्या कदम उठाये हैं। भाषण के दौरान श्री मोदी ने कहा था कि तीन तलाक की प्रथा से न केवल तलाकशुदा महिला का उत्पीड़न होता है बल्कि उस स्त्री या लड़की का पूरा परिवार ही पीड़ा और परेशानियों से घिर जाता है। यह बड़ी विडम्बना है कि मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा हेतु मोदी सरकार द्वारा तलाक विरोधी कानून को न सिर्फ ओवैसी और देवबन्दी व बरेलवी मौलाना ही इसे मुसलमानों के विरुद्ध बता रहे हैं, बल्कि कांग्रेस, सपा, कम्युनिस्ट व लालू खानदान सहित फारूक अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती 3 तलाक कानून के विरूद्ध वातावरण बनाने में लगे हैं।
ऐसे 100-200 नहीं अपितु हजारों उदाहरण है जब नाहक ही मुस्लिम विवाहिता का उत्पीड़न करने के उद्देश्य से 3 बार तलाक तलाक कह कर पत्नी से पीछा छुड़ाया गया हो। तीन तलाक विरोधी कानून बन जाने के बाद भी महिला उत्पीड़न की घटनायें होती हैं। कानून पास होने के बाद तीन तलाक की 13.07 लाख घटनायें प्रकाश में आई हैं। यह एक बड़ी संख्या है।
अभी 25 अप्रैल, 2024 को सीओ सदर (मुजफ्फरनगर) राजू कुमार साव ने मीडिया को बताया कि ग्राम कुटेसरा की लड़की को उसके शौहर ने 3 तलाक दे दिया। इद्दत की अवधि पूरी होने के बाद पति ने पत्नी से अपने मामूजात भाई से हलाला करने का दबाव बनाया। परेशान हो कर लड़की अपने मायके आ गई।
तीन तलाक का एक और नया मामला भी मुजफ्फरनगर जनपद का है। रतनपुरी क्षेत्र के एक ग्रामीण जान मोहम्मद ने कोतवाली पुलिस में अपनी बेटी को 3 तलाक देने व ससुराल के लोगों द्वारा उसका उत्पीड़न करने की एफआईआर 1 मई, 2024 को दर्ज कराई। जान मोहम्मद के अनुसार उसकी बेटी का निकाह ग्राम सूजडू के कासिम के साथ 2 वर्ष पहले हुआ था। ससुराल पक्ष के लोग व पति लड़की से मारपीट करते रहते थे। 15 अप्रैल को पड़ोसी ने फोन पर सूचना दी कि लड़की को पीटा जा रहा है। जब वह ग्राम सूजडू स्थित लड़की की ससुराल पहुंचा तो देखा कि उसकी बेटी के साथ मारपीट हो रही है। रोके जाने पर उसके (जान मोहम्मद) साथ गाली-गलौज की गई और उसके सामने ही तलाक तलाक कह कर बेटी को तलाक दे दिया। जान मोहम्मद बेटी को अपने साथ घर ले आया।
तीसरी हालिया घटना 1 मई, 2024 की है। मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील के ग्राम कवाल से तालिब की बारात भोपा थाना क्षेत्र के ग्राम गादला आई थी। नेग के रुपयों को लेकर दुल्हा-दुल्हन पक्ष में विवाद हो गया। दुल्हन पक्ष ने दूल्हा तालिब, उस के पिता मोहम्मद आकिल, बहनोई खालिद, सुल्तान व सोनू को बंधक बना लिया। पुलिस ने इन्हें मुक्त कराया। जब दोनों पक्षों में समझौते की बात चल रही थी तो दूल्हा तालिब ने 3 बार तलाक बोल कर नवविवाहिता पत्नी को तलाक दे दिया।
ज्ञातव्य है कि 6 मास पूर्व दूल्हे तालिब के भाई आसिर का निकाह गादला के इसी परिवार की लड़की के साथ हुआ था। आसिर इस समय सऊदी अरब में है। उस पर मोबाइल फोन के जरिये अपनी पत्नी को भी तलाक देने का दबाव बनाया जा रहा है।
तीन तलाक और हलाला की प्रथा मुस्लिम महिलाओं के लिए गले का फंदा हैं। हलाला के अजाब की वजह से मशहूर फिल्म अदाकारा मीना कुमारी (महज़बीं बानो) ने शराब पी-पी कर मात्र 34 वर्ष की आयु में जान दे दी थी। फिर भी दकियानूसी नेता तलाक कानून बनाने के लिए नरेन्द्र मोदी को कोसने में लगे रहते हैं।
गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’