मध्यप्रदेश: प्रतिबंध के बावजूद भी हो रहा था नलकूप खनन, अधिकारियों ने बिना कार्रवाई किए बोरवेल मशीन छोड़ा

जिले भर के दो सैकड़ा से अधिक ग्राम पंचायतों में पानी की भारी किल्लत है। भूजल स्तर नीचे खिसक गया है। इन सबके बाद भी बोरिंग मशीन संचालक गांव गांव घूमकर मनमानी दरों में निजी बोर कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला आगर विधानसभा अंतर्गत आने वाले गांव फतेहगढ़ में देखने को मिला है, जहां पर निजी बोरिंग संचालक कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ते हुए नलकूप खनन कर रहा था।

जिसकी सूचना अधिकारियों को मिली तो आगर एसडीएम सर्वेश यादव ने नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी को घटनास्थल पहुंचाया। इसके बाद अरुण चंद्रवंशी घटनास्थल  पर पहुंचे जहां पर उन्होंने देखा कि अवैध तौर पर नलकूप खनन किया जा रहा था। नायब तहसीलदार मशीन पर कार्रवाई करने लगे और उन्होंने मीडिया फोन पर से कहा कि वह बोरवेल मशीन व मशीन के साथ लगे लोगों को लेकर पीपलोंन कला पुलिस चौकी पर ले जा रहे हैं।

हालांकि जब पीपलोंन कला पुलिस चौकी पर इसके बारे में पता किया गया तो वहां से जानकारी लगी कि पुलिस चौकी पर कोई बोरिंग मशीन को नहीं लाया गया है। जब मशीन के बारे में पुनः नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी से पता करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और कोई जवाब नहीं दिया। जब मामले की जानकारी ली गई तो पता चला कि अरुण चंद्रवंशी द्वारा बोरवेल मशीन पर बिना कोई कार्रवाई के ही उसे छोड़ दिया गया। जब इस विषय में आगर एसडीएम सर्वेश यादव से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्होंने नायाब तहसीलदार को कार्रवाई हेतु भेजा था। वहीं जब इस संपूर्ण घटनाक्रम में आगर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह से चर्चा की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी नहीं है, वह जांच करवा कर कार्रवाई करेंगे।

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