पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी और उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती इन दिनों पुंछ और राजोरी में के क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कर रही हैं। यह क्षेत्र अनंतनाग-राजोरी लोकसभा सीट का हिस्सा है, जिस पर महबूबा मुफ्ती पीडीपी की उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
पीडीपी की तरफ से पुंछ में जगह-जगह रोड शो, नुक्कड़ सभाएं की जा रही है। खास बात यह है कि स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने के लिए इल्तिजा मुफ्ती स्थानीय भाषा में ही संबोधन कर रही हैं। उनका कहना है कि वह अमन का पैगाम लेकर इस क्षेत्र में आई हैं और उनकी पार्टी बांटने की राजनीति नहीं करती है। साथ ही वह भाजपा पर भी लगातार निशाना साध रही हैं।
एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान इल्तिजा ने कहा कि पुंछ और राजोरी के इलाकों में एक बार फिर आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं और यह आतंकी घटनाएं केंद्र सरकार के हालात सामान्य होने के बयान पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं।
इल्तिजा ने अनंतनाग-राजोरी लोकसभा सीट के लिए मतदान की तारीख 7 मई से 25 मई तक पुनर्निर्धारित करने पर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि यह महबूबा मुफ्ती के खिलाफ वोटों में हेरफेर करने के लिए किया गया है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर भाजपा के ‘प्रॉक्सी उम्मीदवार’ के पक्ष में वोटों को प्रभावित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देने का आरोप लगाया।
उन्होंने टिप्पणी की, “शीर्ष अधिकारियों की ओर से पहाड़ी समुदाय के अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे महबूबा मुफ्ती को वोट न दें। यह खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन है।”
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में हम एक गुलदस्ता की तरह हैं। सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होना चाहिए। इस क्षेत्र ने पिछले पांच वर्षों में अन्याय का सामना किया है। अब एक साथ लड़ने का समय है।”
वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में इल्तिजा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि एक तरह से जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद सही थी। अब पीर पंजाल क्षेत्र की उपेक्षा नहीं होगी। परिसीमन प्रक्रिया पर उनका बयान पीडीपी के रुख के विपरीत है। पार्टी ने परिसीमन आयोग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कि इससे भाजपा को ही लाभ मिलेगा।