फ़ोन टैपिंग: विधायकों की खरीद मामले को भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते थे केसीआर

तेलंगाना के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव कथित तौर पर बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि अपनी बेटी के. कविता को दिल्ली शराब घोटाले में राहत दिलाने के लिए भाजपा के साथ समझौता कर सकें। फोट टैपिंग मामले में गिरफ्तार एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने यह स्वीकार किया है। अपने इकबालिया बयान में पूर्व डिप्टी कमिश्नर राधाकृष्ण राव ने यह बात कही है। फोन टैपिंग मामले में राधाकृष्ण राव मुख्य आरोपियों में से एक हैं। 

पुलिस अधिकारी ने स्वीकारी ‘साजिश’ की बात
राव ने कहा ‘पेद्दायाना (बीआरएस चीफ और पूर्व सीएम केसीआर के लिए इस्तेमाल किया गया नाम) चाहते थे कि भाजपा के संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को कथित बीआरएस विधायकों की खरीद के मामले में गिरफ्तार किया जाए। इसके लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किय गया। केसीआर चाहते थे कि बीएल संतोष को गिरफ्तार करके भाजपा के साथ समझौता किया जा सकता था, जिसके तहत राव के. कविता को ईडी जांच से छुटकारा दिलाना चाहते थे, लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों की अक्षमता की वजह से एक अहम व्यक्ति पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका, बाद में यह मामला हाईकोर्ट गया और हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके बाद एसआईटी का यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।’

भाजपा नेता को गिरफ्तार करने की थी तैयारी
राधाकृष्ण राव ने बताया केसीआर ने भाजपा नेता बीएल संतोष की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का भी गठन किया था ताकि मामले को इतना मजबूत बनाया जाए कि भाजपा को केसीआर के साथ समझौता करना पड़े और फिर केसीआर इस समझौते का इस्तेमाल अपनी बेटी के कविता को ईडी जांच से राहत दिलाने में कर सकें। के. कविता दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। हालांकि जब उम्मीद के मुताबिक काम नहीं हुआ तो ‘पेद्दायाना’ बहुत नाराज हुए थे। पूर्व डीसीपी राधाकृष्ण राव को बीते मार्च में गिरफ्तार किया गया था। फोन टैपिंग मामले में यह गिरफ्तारी हुई है और उन पर आरोप है कि उन्होंने मामले से जुड़े कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक आंकड़े को खत्म किया। हालांकि बीआरएस ने आरोपों को खारिज कर दिया है।

क्या है बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला
26 अक्तूबर 2022 को तेलंगाना में तत्कालीन बीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें बीआरएस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की पेशकश की गई थी। शिकायत के अनुसार, बीआरएस विधायकों को 100-100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। शिकायतकर्ता बीआरएस विधायक ने ये भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के अन्य विधायकों को भी भाजपा के पाले में आने के लिए 50-50 करोड़ रुपये देन की पेशकश की गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदु कुमार और सिम्हयाजी स्वामी को गिरफ्तार किया था। हालांकि हाईकोर्ट से तीनों को जमानत मिल गई थी। बाद में मामले को हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। 

क्या है फोन टैपिंग मामला
पुलिस अधिकारी ने बीआरएस की केसीआर सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं के फोन पर बातचीत की निगरानी के लिए पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल किया। मौजूदा सीएम रेवंत रेड्डी समेत कई भाजपा नेताओं के फोन भी टैप किए गए। अब कांग्रेस सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कराई है, जिसके बाद ही पूर्व पुलिस अधिकारी राधाकृष्ण राव को गिरफ्तार किया गया है। 

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