पंजाब की सभी 13 सीटों पर कुल 62.80 फीसदी मतदान हुआ है, जिसमें पुरुषों का वोट प्रतिशत 63.27 व महिलाओं का वोट प्रतिशत 62.28 रहा है। ओवरऑल वोट प्रतिशत में पुरुष आगे रहे हैं, बावजूद इसके पांच लोकसभा हलकों में वोट प्रतिशत के मामले में महिला वोटरों ने बाजी मार ली है।
वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले ओवरऑल वोट प्रतिशत कम हुआ है और महिला व पुरुष मतदाताओं के वोट प्रतिशत पर भी उसका प्रभाव साफ देखा जा सकता है। पिछले साल पुरुषों का वोट प्रतिशत 66.26 और महिला वोट प्रतिशत 65.63 रहा था।
जिन पांच लोकसभा सभा हलकों में वोट प्रतिशत में महिलाएं आगे रही हैं, उनमें गुरदासपुर में 68.89 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट किया, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 64.70 प्रतिशत रहा। इसी तरह खडूर साहिब में भी महिला वोट ही आगे रही। यहां 63.56 प्रतिशत महिलाओं ने वोट किया, जबकि 61.65 प्रतिशत पुरुष मतदाता वोटिंग के लिए आए।
इसी तरह जालंधर में 60.44 फीसदी महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि पुरुषों में 59.03 फीसदी मतदाताओं ने ही अपना वोट डाला। होशियारपुर लोकसभा हलकों में भी महिला वोटरों ने ही वोटिंग में अपना परचम लहराया। यहां 61.60 फीसदी महिलाओं ने अपना वोट किया, वहीं 56.31 पुरुष वोटर वोटिंग के लिए आगे आएं। आनंदपुर साहिब में भी महिला वोटर आगे रही और यहां 63.18 फीसदी महिलाओं ने अपने घरों से निकलकर मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डाला, जबकि 60.88 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इससे साफ है कि इन पांच लोकसभा हलकों में प्रत्याशियों की जीत में पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं।
मत प्रतिशत के मुकाबले में यहां पुरुष वोटर रहे आगे
इसी तरह बाकी आठ सीटों पर पुरुष मतदाता वोटिंग प्रतिशत में महिलाओं के मुकाबले रहे हैं। इन सीटों में अमृतसर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला शामिल है। बठिंडा में सबसे अधिक 70 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने अपना वोट किया और ओवरऑल वोटर प्रतिशत में भी बठिंडा सीट पर ही सबसे अधिक मतदान हुआ है।
ट्रांसजेंडरों का वोटर प्रतिशत रहा 36.22 फीसदी
इसी तरह अगर ट्रांसजेंडरों के वोट प्रतिशत की बात की जाए तो ये 36.22 फीसदी रहा है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले अधिक ट्रांसजेंडर वोटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे। वर्ष 2019 में ट्रांसजेंडरों का वोट प्रतिशत 26.61 प्रतिशत रहा था। इस बार सबसे अधिक फतेहगढ़ साहिब में ट्रांसजेंडरों ने वोट डाला, क्योंकि इस सीट पर उनका वोट प्रतिशत 65.63 प्रतिशत रहा। इसके बाद ही बठिंडा में ट्रांसजेंडरों का मतदान प्रतिशत 55.88 प्रतिशत रहा, जबकि जालंधर में 52.27 प्रतिशत ट्रांसजेंडरों ने अपना वोट डाला है। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में आनंदपुर साहिब सीट पर सबसे अधिक 59.52 प्रतिशत ट्रांसजेंडर मतदाताओं ने अपना वोट डाला था।
सीएम मान गृह क्षेत्र में भी गिरा वोटिंग प्रतिशत
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हलके में भी वोट प्रतिशत कम हुआ है। अगर गृह जिले की बात की जाए तो वहां पर भी मतदान कम हुआ है। सुनाम में इस बार 65.38 फीसदी मतदान रहा है, जबकि वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में यहां मतदान प्रतिशत 75.80 रहा था। उस हिसाब से यहां भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। आप ने संगरूर में इस बार कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां उनके खिलाफ कांग्रेस से सुखपाल खैरा, भाजपा से अरविंद खन्ना, शिअद से इकबाल झूंदा और शिअद अमृतसर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान चुनाव मैदान में उतरे थे।
कई दिग्गजों के विधानसभा हलकों में भी वोटिंग प्रतिशत नीचे
कई दिग्गजों के विधानसभा हलकों में वोटिंग प्रतिशत नीचे आया है। कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ये लोकसभा चुनाव लुधियाना सीट पर लड़ा है, लेकिन उनका विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा है। ये विधानसभा हलका फरीदकोट लोकसभा सीट के अंडर आता है और यहां पर मतदान प्रतिशत 69.98 प्रतिशत रहा है, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 70.73 प्रतिशत मतदान रहा था।
खुड्डियां के हलके में भी कम हुआ वोटिंग प्रतिशत
इसी तरह लोकसभा चुनाव में बठिंडा से आप के प्रत्याशी गुरमीत सिंह खुड्डियां के विधानसभा हलके में भी मतदान प्रतिशत कम हुआ है। वह लंबी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और यहां पर इस बार 71.95 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि अगर पिछले लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां पर 73.85 फीसदी मतदान रहा था।