कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते के आखिर में प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। साल 2014 की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में दुनियाभर के नेता जुटेंगे। इनमें श्रीलंका, नेपाल, मॉरिशस आदि के राष्ट्र प्रमुख शामिल हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति होंगे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल
श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को बुधवार को लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए की जीत की बधाई दी। सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया कि ‘इस जीत से पता चलता है कि भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तरक्की और समृद्धि में विश्वास जताया है। सबसे करीबी पड़ोसी होने के नाते श्रीलंका की सरकार भारत के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने की तरफ देख रही है।’
श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ‘दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति विक्रमासिंघे को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया, जिसे राष्ट्रपति विक्रमासिंघे ने स्वीकार कर लिया।’
नेपाली पीएम प्रचंड भी हो सकते हैं शामिल
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं। नेपाल के विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की दिल्ली यात्रा का कार्यक्रम बनाने में व्यस्त है, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हालांकि मंत्रालय ने बताया कि अभी तक दौरे की पुष्टि होनी बाकी है। जैसे ही तारीख तय हो जाएगी तो औपचारिक एलान कर दिया जाएगा।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने मंगलवार को फोन करके पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई भी दी थी। दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई। साल 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दुनियाभर के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, तो नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुशीला कोइराला भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।
इन नेताओं को भी किया गया आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि अभी तक दोनों नेताओं के भारत दौरे की पुष्टि नहीं हुई है।