रियासी, कठुआ और डोडा… इत्तेफाक नहीं साजिश हैं ये हमले

रियासी, कठुआ और डोडा… जम्मू के तीन इलाके जिन्हें आतंकियों ने फिर एक बार अपनी गोली से छलनी करने की कोशिश की. कश्मीर में अमन बिगाड़ने की साजिश नाकाम होते देख इस बार आतंकियों ने जम्मू को निशाना बनाया. 3 दिन में लगातार 4 हमले किए हैं. महज 90 घंटे के अंदर चार आतंकी हमले कोई इत्तेफाक नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं. आतंकियों के पास मिले पाकिस्तानी सबूत भी चीख-चीखकर यही बात कह रहे हैं.

आतंकियों ने सबसे पहले जम्मू के रियासी में शिवखोड़ी से लौट रही बस को निशाना बनाया था. इस हमले की तारीख 9 जून थी. ये वही दिन था जब पीएम नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ ले रहे थे. इसके बाद कठुआ को निशाना बनाया गया और तीन दिन भीतर ही तीसरा हमला डोडा में सेना के बेस पर किया गया. इन हमलों में भारत का एक जवान शहीद हो गया, लेकिन सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया. डोडा में जो हमला हुआ उसमें 5 जवान घायल हो गए. इसके अलावा बुधवार देर रात डोडा में फिर सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें एक एसपीओ घायल हो गया. इन हमलों के बाद जो सबसे बड़ा सवाल सामने आया वह यही है कि आखिर आतंकियों ने अचानक जम्मू को निशाना क्यों बनाया.

क्या बुरी तरह बौखलाए हैं आतंकी?

80 घंटों के भीतर लगातार तीन हमलों के पीछे सबसे बड़ा कारण आतंकियों की बौखलाहट मानी जा रही है. दरअसल आतंकियों ने हमले के लिए ठीक वही वक्त चुना जब देश में सरकार का गठन हो रहा था. पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दिन ही रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला इसका सबूत है. इसके अलावा आतंकियों की बौखलाहट का दूसरा कारण उनकी लगातार नाकामी है. कश्मीर में बंपर वोटिंग इस बात का सबूत है. इसके अलावा कश्मीर जहां अभी तक गनतंत्र था वहां लोकतंत्र की वापसी होना आतंकियों को शायद रास नहीं आ रहा. जम्मू कश्मीर की राजनीतिक हवा बदलना भी इसका कारण हो सकता है, क्योंकि यहां दो पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव हारे हैं. कश्मीर का अमन भी कहीं न कहीं आतंकियों को चुभ रहा होगा.

ये हैं आतंक के पाकिस्तानी सबूत

कठुआ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया. जो आतंकी मारे गए उनके पास खुद पाकिस्तानी सबूत मिले हैं. दरअसल आतंकियों के बाद 30 राउंड वाली 3 मैगजीन, 24 राउंड वाली 1 मैगजीन, पॉलिथिन में रखी 75 गोलियां, 3 हैंड ग्रेनेड, तकरीबन 1 लाख रुपये तथा पाकिस्तानी चॉकलेट, सूखे चने के पैकेट, पाकिस्तान में बनी दवाएं और इंजेक्शन. ये आतंकी अपने साथ बैटरी के दो पैकेट पर पाकिस्तान से भारत लाए थे.

Anti Terrorist Operation In Kathua

कब और कैसे किए गए हमले

1- रियासी में अटैक : आतंकियों ने पहला हमला 9 जून को किया था. दरअसल रियासी से शिवखोड़ी धाम से लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इससे बस चालक ने अपना कंट्रोल खोया और बस खाई मे ंजा गिरी. इस घटना में 9 लोगों की जान गई थी, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.

2- कठुआ में हमला : जम्मू में आतंकियों ने दूसरा अटैक कठुआ में किया. यहां हीरानगर के सोहल इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच लंबी मुठभेड़ हुई. तकरीबन 24 घंटे तक सुरक्षाबलों ने यहां सर्च ऑपरेशन चलाया और दो आतंकियों को मार गिराया.

3- डोडा को बनाया निशाना- तीसरा हमला मंगलवार देर रात डोडा में हुआ. यहां आतंकियों ने सेना के ही बस को निशाना बनाने की कोशिश की. इस अटैक में पांच जवान घायल हो गए. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर यहां सर्च ऑपरेशन चलाया.

4- डोडा में फिर हमला- आतंकियों ने बुधवार देर रात तकरीबन 9 बजे डोडा में फिर सुरक्षाबलों पर अटैक किया. इस मुठभेड़ में सेना का एक SPO घायल हो गया. अभी मुठभेड़ चल रही है.

सुरक्षा बल करके रहेंगे आतंकियों का सफाया

जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकियों और उनका सफाया नहीं कर देंगे. सिन्हा ने कहा कि ‘तीन दिन पहले, आतंकवादियों ने रियासी में मानवता पर कायरतापूर्ण हमला किया, जिससे कलाकारों सहित समाज के सभी तबकों में रोष है. मनोज सिन्हा ने कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पुलिस और सुरक्षा बल तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक वे जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का सफाया नहीं कर देंगे.

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