एक तरफ तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मत विभाजन की अनुमति न मिलने पर सवाल उठाए हैं। उधर, इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि विपक्षी गठबंधन ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए मत विभाजन की मांग नहीं की। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि विपक्षी गठबंधन इस मामले में सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के साथ काम करना चाहता था।
जयराम रमेश ने क्या कहा?
जयराम रमेश ने आगे कहा ‘विपक्षी गठबंधन के घटक दलों ने कोडिकुन्निल सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद ध्वनिमत के आधार पर अध्यक्ष का चुनाव किया गया। इंडिया (INDIA) के घटक दल मत विभाजन पर जोर डाल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि वे सहमति और सहयोग की भावना के आधार पर मत विभाजन करने के पक्ष में नहीं थे। प्रधानमंत्री और एनडीए के हावभाव में इसकी कमी देखने को मिली।’
लोकसभा अध्यक्ष चुने गए ओम बिरला
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से कोडिकुन्निल सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद ध्वनिमत के आधार पर ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया गया।