रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को दिल्ली हाई कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की अवकाश पीठ ने कहा कि कात्याल की आहार संबंधी आवश्यकताएं ऐसी हैं कि उन्हें जेल परिसर में उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। अदालत ने कहा कि बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद कात्याल को पर्याप्त शारीरिक, मानसिक और स्वस्थ रहने के लिए उचित आहार की आवश्यकता है।
अदालत ने नोट किया कि कात्याल को जिस स्तर की देखभाल, ध्यान, मिनट-टू-मिनट निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, वह वर्तमान में जेल में प्रदान नहीं की जा सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जेल परिसर में कई तकनीकी समस्याओं को देखते हुए लंबे समय तक हर दिन घर का बना खाना उपलब्ध कराना जोखिम भरा है।
पांच लाख रुपये भरने होंगे
इसके साथ ही अदालत ने कात्याल को 2.5 लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के एक जमानती पर रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और आरोपित को लगभग 84 दिनों के लिए अंतरिम जमानत पर पहले भी रिहा किया गया था, लेकिन जांच को प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है।
क्या है मामला
कात्याल को 11 नवंबर 2023 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रविधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को पहले चिकित्सा आधार पर लगभग 84 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और वह हर समय चिकित्सा आधार पर जमानत बढ़ाने की मांग नहीं कर सकता है।
एजेंसी ने कहा कि अगर किसी विशेष आहार की आवश्यकता होती है, तो उसे घर पर बने भोजन के माध्यम से जेल परिसर में लाया जा सकता है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कात्याल ने राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की ओर से कई रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से जमीन हासिल की थी।